लोक सभा चुनाव में वैशाली क्षेत्र काफी चर्चित रहता है.
Report : Arun Srivastava
वैशाली लोक सभा क्षेत्र उत्तर बिहार का एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ आमने सामने के टक्कर में तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाले प्रत्याशी की भूमिका से जीत और हार तय हो जाता है. इस इलाके में अक्सर प्रत्याशी की उम्मीदवारी पर मतदाता अपना मत देते आ रहे थे. 2014 में मोदी फैक्टर हावी हुआ, 2014 और 2019 में नरेंद्र मोदी की हवा में NDA उम्मीदवार ने जीत दर्ज करा लिया।

2009 लोकसभा चुनाव
2009 के चुनाव में राजद उम्मीदवार रघुवंश प्रसाद सिंह और जदयू के उम्मीदवार बाहुबली मुन्ना शुक्ला में सीधा टक्कर था. रघुवंश सिंह को 2 लाख 83 हजार 454 मत मिले थे, वहीं दूसरे स्थान पर रहने वाले विजय कुमार शुक्ला उर्फ़ मुन्ना शुक्ला को 2 लाख 62 हजार 49 मत प्राप्त करते हुए रघुवंश से मुन्ना हार गए थे.
मत विभाजन पर गौर करें तो 21 हजार 405 मत से मुन्ना शुक्ला की हार हुई थी.
वहीं तीसरे नंबर पर रहने वाले बीएसपी के शंकर महतो ने 17448 मत प्राप्त किया था, चौथे स्थान पर रहने वाले आईएनएलडी के जितेंद्र प्रसाद ने 16057 मत प्राप्त किए थे.
तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाले शंकर और जीतेन्द्र के मतों को जोड़ दें तो 33 हजार 505 मत प्राप्त करने वाले दो उम्मीदवारों के मत विभाजन ने मुन्ना शुक्ला को चुनाव हारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया. 2009 के इस चुनाव में पांचवें स्थान पर रहने वाले भी मत विभाजन में बड़ी भूमिका को निभाया था. पंचम उम्मीदवार हिंद केसरी यादव में 11925 मत काटने में कामयाब हुए थे.

2014 मोदी लहर में रघुवंश को हराने में तीसरे और चौथे की भूमिका
रघुवंश को टक्कर देने के लिए NDA के LJP उम्मीदवार के रूप में रामा किशोर सिंह मैदान में उतरे थे. मोदी लहर में रघुवंश सिंह को फिर भी चुनौती देने में बाहुबली रामा सिंह पिछड़ जाते, अगर तीसरे और चौथे स्थान वाले के द्वारा मत विभाजन नहीं होता।
रामा सिंह को 3 लाख 5 हजार 450 मत प्राप्त विजय हासिल किए थे वहीं रघुवंश सिंह को मात्र 2 लाख 6 हजार 183 मत प्राप्त हुआ था.
99 हजार 267 मत से रघुवंश को हराने में कामयाब हुए रामा।
तीसरे स्थान पर जदयू के विजय कुमार सहनी ने 1 लाख 44 हजार 807 मत प्राप्त किए थे. वहीं अन्नू शुक्ला चौथे स्थान पर 1 लाख 4 हजार 229 मत हासिल की थी.
अन्नू और विजय के मत को जोड़ दें तो 2 लाख 49 हजार 36 मत विभाजन हुआ दोनों में से कोई भी एक उम्मीदवार मैदान में नहीं होता तो मोदी लहर भी रघुवंश के सामने नहीं चलता। हद तो ये रहा की विजय सहनी की जगह जदयू अन्नू को टिकट दिए रहता तो अन्नू शुक्ला चुनावी दंगल में आगे रहती।

2019 में LJP का ही रहा वैशाली दंगल – वैशाली लोक सभा क्षेत्र में वीणा देवी ने किया था खेला
तीसरे चौथे वाले मिथ्या को बदलने में कामयाब रही वीणा देवी, जदयू एमएलसी दिनेश सिंह की पत्नी विधायक तक का सफर तय करने के बाद लोक सभा दंगल में एक अलग रिकार्ड बना दिया 2019 में.
वीणा देवी इस दंगल में ऐसी उम्मीदवार बनी जो तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वालों पर भी हावी रहीं और रघुवंश प्रसाद देवी को तो हरा ही दिया।
वीणा देवी से 5 लाख 68 हजार 215 मत लाया, रघुवंश सिंह को 3 लाख 33 हजार 631 मत के साथ हार का सामना करना पर गया. बात तीसरे और चौथे की करें तो आभा रानी को 27 हजार 497 मत, तो चौथे स्थान पर इसमोहमद को 21 हजार 857 मत, पांचवें स्थान वाली रिंकू देवी को 16 हजार 738 मत मिले थे.
तीनो उम्मीदवार के मतों के विभाजन को जोड़े तो 66 हजार 92 मत मात्र हुए.
लोक सभा तक का सफर
वीणा सिंह 2019 में चुनावी दंगल में बड़े जीत के साथ लोक सभा तक का सफर तय कर लीं. 2024 लोक सभा दंगल में अब देखना दिलचस्प होगा की वीणा फिर चुनावी दंगल में किस पार्टी से उतरती हैं.
चुनावी दंगल 2024 की बाते करें तो वैशाली लोक सभा के लिए भाजपा से पांच, LJP से तीन और राजद से चार तो कांग्रेस से तीन उम्मीदवार टिकट के रेस में बने हुए हैं