बिहार में जिसे थाना से बाइज्जत छोड़ा गया फिर हाजत से हुआ फरार वह यूपी में हुआ ढेड़
बिहार पुलिस हर बड़े मामले में बदनाम हो ही जाती है .. एक बार फिर एक बड़ा मामला सामने आया है … समस्तीपुर जिले के तीन भाई सभी अपराधी पर मेहरबान हुए कोतवाल तो एक बाइज्जत छूटा .फिर हुआ कोर्ट से फरार . अब यूपी पुलिस के हत्थे चढ़ा तो एनकाउंटर

वाराणसी में कैसे हुआ पुलिस अपराधी मुठभेड़
बिहार से पुलिस कस्टडी से फरार तीन भाइयों का यूपी पुलिस से हो गया मुठभेड़ … मुठभेड़ के वक़्त एक अपराधकर्मी भाई भागने में कामयाब रहा, वहीं दो भाई पुलिस एनकाउंटर में ढेड़ हो गया .. मारे गए दोनों अपराधी मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के मोहद्दीनगर थाना के आनंद गोलवा इलाके के शिवशंकर सिंह के पुत्र हैं .. इनका एक भाई लल्लन मुठभेड़ स्थल से फरार हो गया है … इस मामले में पुलिस आयुक्त ए एस गणेश ने बताया कि वाराणसी के वाजिदपुर भेलखा मोड़ के पास वाराणसी क्राइम ब्रांच की टीम और बड़ागांव पुलिस टीम के साथ अपराधियों का मुठभेड़ हुआ, दो अपराधी ढेर हुए और एक फरार होने में कामयाब रहा .. अपराधियों द्वारा आठ नवंबर को लक्सा थाना के दरोगा अजय यादव को गोली मार कर नाइन एमएम का पिस्टल लूटा गया था, जिसे बरामद कर लिया गया है साथ ही एक 32 बोर का ऑटोमेटिक पिस्टल बरामद किया गया है …. भागने वाले अपराधी और मुठभेड़ में मारे गए अपराधियों द्वारा फायरिंग के दौरान यूपी पुलिस का सिपाही शिवबाबू घायल हो गया है

बिहार के कोतवाल थे मेहरबान अपराधियों पर
बिहार के समस्तीपुर जिला के मोहद्दीनगर थाना के आनंद गोलवा इलाके के शिवशंकर सिंह के तीन पुत्र हैं मनीष कुमार, लल्लन सिंह और रजनीश कुमार सिंह .. तीनो भाई अपराध के दुनिया में थे … पटना में एक लूट कांड में नाम आया और फिर पटना के तत्कालीन एसएसपी ने मोहद्दीनगर के तत्कालीन SHO असगर इमाम को तीन युवकों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया … तीनो गिरफ्तार हो कर थाना आए और फिर कोतवाल ने बड़ी डील में एक को छोड़ दिया था बाइज्जत … इस मामले में कोतवाल पर कार्रवाई भी हुई थी

बाढ़ कोर्ट हाजत से तीनो हुए थे फरार
तीनो अपराधकर्मी भाई ने बिहार पुलिस के सुरक्षा के तमाम दावों को धत्ता बताते हुए कोर्ट हाजत से फरार हो गए थे .. घटना 8 सितंबर 22 की है, बाढ़ कोर्ट में पेशी के लिए जेल से लाया गया था .. अपर जिला सत्र न्यायाधीश पंचम के कोर्ट में पेशी की जगह हाजत के बाथरूम से फरार हो गए .. इस मामले में अनिल कुमार कोर्ट प्रभारी के बयान पर 594/22 कांड दर्ज किया गया था लेकिन उसके बाद दो माह बीतने के बाद भी फरार आरोपी बिहार पुलिस के रडार पर नहीं आ सके और बिहार से फरार हो कर यूपी में ठिकाना बना कर वहां भी दरोगा को ही टारगेट कर लिए … दरोगा के साथ हुए घटना के बाद यूपी पुलिस ने आखिर ठिकाने लगा दिया //