उत्तर बिहार में अपराधियों को कौन दे रहा है संरक्षण। सवाल तो बड़ा है आखिर देश के किसी कोने में बैंक लूट, सोना लूट ऐसे लूट डकैती की घटना को अंजाम देने के बाद अपराधकर्मी बड़े आराम से समस्तीपुर और वैशाली में रहने लगते हैं, समस्तीपुर और वैशाली जिला तो पनागाह बन गया है ऐसे अपराध करने वाले अपराधियों का.
REPORT : Arun Srivastava

#बड़े लूटेरे पुलिस के मुखबिर बन करते अपराध
बिहार का दो जिला काफी चर्चित होता है जब राज्य में कहीं सोना लूट, बैंक लूट की घटना हो तब. हद तो ये है ये सोना लूटेरे, बैंक लूटेरे अत्याधुनिक हथियार से ले कर लूट की राशि और सोना चांदी हीरा को बड़े आराम से ठिकाने भी लगा लेते हैं.
आम लोगों के चर्चाओं पर गौर करें तो इन्ही कुख्यात लूटेरों में कई पुलिस के तथाकथित मुखबिर का काम करते हैं, हाल में समस्तीपुर में पकड़ा गया एक कुख्यात के बारे में तो स्थानीय लोग बताते हैं की कुछ पुलिस पदाधिकारी से मधुर सम्बन्ध के भरोसे उसे आजादी मिली हुई थी, बदले में न सिर्फ पुलिस की मुखबिरी करता था, वसूली भी किया करता था, तीन लाख के इनाम के घोषणा के बाद एकाएक उसकी गिरफ़्तारी हो गयी.

#लोकल पुलिस क्यों नहीं करती फरार कुख्यात को
अलग अलग राज्य सहित बिहार के हर इलाके में एसटीएफ बिहार टीम द्वारा कुख्यात की गिरफ्तरी कर ली जाती है, वहीँ स्थानीय पुलिस उन तक नहीं पहुँच पाती, ऐसे में सवाल उठता है आखिर नहीं पकड़ में आने के पीछे मुख्य वजह संरक्षण तो नहीं?
समस्तीपुर में हाल में गिरफ्तार हुआ रमेश ठाकुर पर इनाम घोषित हुआ और उसके बाद गिरफ़्तारी हो गयी, स्थानीय ग्रामीण बताते हैं की पुलिस विभाग में कई कोतवालों के लिए वह काम करता था. कोई भी घटना होने पर पुलिस को मदद करता था, वहीं दूसरी तरफ दूसरे राज्यों सहित बिहार के अन्य जिलों में बड़ी लूट के घटना को अंजाम देता रहता था.
#कुख्यात की पकड़ …. और सब मैनेज…….
रमेश ठाकुर की पहुँच ऐसी है जो कई चर्चित वर्दी वालों के चहेता रहा. रमेश ठाकुर के ग्रामीण ही बताते हैं की ‘पुलिस की दोस्ती भी अच्छी नहीं’ पुलिस से नजदीकी था रमेश, बड़ी राशि के घोषणा के बाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार हुआ.
इनाम की राशि तीन लाख घोषित होते चहेता रमेश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, गिरफ़्तारी के बाद सवाल उठने लगे हैं, आखिर ऐसे कुख्यात अपराधियों को संरक्षण क्यों दिया जाता है.

समस्तीपुर और वैशाली सोना लूटेरों का गढ़ बना हुआ है. बैंक लूट भी कहीं हो तो तार इन्ही दो जिलों से जुड़ हीं जाते हैं, इन्हीं अपराधियों में रमेश ठाकुर इनाम घोषित होते सक्रिय हुई पुलिस टीम गिरफ्तार करती है. वैशाली जिला में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब फरार चल रहे अपराधकर्मी पर इनाम की घोषणा के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.
बिहार में पुलिस को मजबूत बनाने के लिए डीजीपी प्रति दिन नए – नए व्यवस्था देते हुए अपने अधीनस्थ कार्य करने वाले अधिकारी पदाधिकारी को विशेष पुलिसिंग के लिए तैयार कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ यही पदाधिकारी और कर्मियों पर सवाल उठ रहे हैं संरक्षण का