लोकसभा चुनाव के घोषणा के साथ उम्मीदवार घोषित होने में देरी का क्या ? खामियाजा भुगतना होगा महागठबंधन उम्मीदवार को. मुजफ्फरपुर में NDA उम्मीदवार का आगमन और बाहरी भीतरी के चर्चाओं के बीच जनसम्पर्क करते हुए NDA उम्मीदवार राज भूषण चौधरी अपने पक्ष में जनता को करने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं. वहीं कांग्रेस उम्मीदवार अजय निषाद के पक्ष में उनके समर्थक भले ही जनसम्पर्क में रहे हो लेकिन खुद उम्मीदवार पटना और दिल्ली के बीच सफर जारी रखे.

दिग्गजों से वचन लेने में आगे NDA उम्मीदवार
चुनावी संपर्क में एक पक्ष ये अहम भूमिका होता की बड़े दिग्गज राजनेता या सम्मानित कारोबारी हों या जाती, जातीय आधार पर वोट बैंक पर पकड़ रखने वाले नेता, ऐसे दिग्गजों से मिलने में भी आगे रहे NDA उम्मीदवार, सोशल साइट पर कई तस्वीर साझा करते हुए NDA उम्मीदवार समर्थकों ने आम मतदाताओं के बीच मैसेज देने का प्रयास कर रहे हैं की साथ सभी का है. निश्चित ही अजय निषाद दो बार सांसद रहे लेकिन चुनावी दंगल में भाजपा से बेटिकट होने के बाद जनता से दूर हो गए. जिसका फायदा सीधे तौर पर राज भूषण चौधरी उठाने में कामयाब दिख रहे हैं. जनता के बीच अजय पर आरोप ये लग रहा है कि कई काम नहीं हुआ और विकास कार्यों के दावों के बीच बेटिकट होने पर पार्टी बदल लिए.

अजय से नाराज खेमा को पक्ष में करने का प्रयास राजभूषण चौधरी का
राज भूषण चौधरी भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं. ऐसे में मोदी के नाम पर ही वोट प्राप्त करने में रहेंगे, मुजफ्फरपुर के राजनीती में राज भूषण कोई ख़ास नहीं हैं. इन्हे जनसम्पर्क मे भी पार्टी के नेताओं के बैसाखी की जरूरत पर रही है. सीधा संवाद एक एक शख्स से करने में अपनी कोई पहचान नहीं है जनता के बीच. जतना के बीच परिचय देने की जरूरत पर रही है, इसके पीछे कारण साफ़ है पिछले बार लोक सभा चुनाव में विपक्ष के टिकट पर चुनावी दंगल में चारो खाने चित होने के बाद जतना के बीच कभी नहीं दिखे।

वहीं अजय निषाद को किसी बैसाखी की जरूरत नहीं, भले कई विकास कार्यों में पिछड़ने की वजह से जनता नाखुश हो पर एक एक वार्ड, एक एक पंचायत में अजय सौ लोगों में 70 को नाम से जरूर जानते हैं और अपना परिचय खुद देने की जरूत नहीं है.
सवाल तो दोनों उम्मीदवार से होगा और हो रहा है. कहाँ थे ? ऐसे सवालों के बीच राजभूषण चौधरी फंस रहे हैं वहीं अजय निषाद द्वारा दिया गया बयान कोरोना काल में तब्लिकी जमात वाला भी खूब वायरल हो रहा है. जिससे कांग्रेस और राजद के हीं एक समुदाय विशेष के बड़ा वोट बैंक नाराज हैं. उन्हें समझाना एक बड़ा चुनौती होगा अजय के लिए.
जनता के बीच दोनों की कमियों का आकलन जारी है अब देखना दिलचस्प होगा इस आकलन में कौन पिछड़ता है