नस्ल बर्बाद करने वाला स्मैक के खिलाफ हमारा मुहिम जारी है …. आज “बोली की गोली” में ले कर आए हैं ऐसी दर्द भड़ी खबर जिसे जान कर वर्दी वाले जो नस्ल बर्बाद वाले पाउडर से उगाही नहीं करते या फिर इसके कारोबारी से याराना नहीं रखते उनके आँखों से आंसू आ जाएंगे ….

उत्तर बिहार का मुजफ्फरपुर नीले धुंए के चपेट में दशकों से रहा है …. हम बात करें पीछे दो दशक की तो रत्न संजय, सुधांशु कुमार, सुनील कुमार, विवेक कुमार, अमित लोढ़ा और हरप्रीत कौर हो या मनोज कुमार या फिर कहें वर्तमान एसएसपी जयंत कांत सभी के कार्यकाल में स्मैक के कारोबारी पकड़े गए हैं .. कार्यकाल में बात करें तो हर कार्यकाल में जिला के एसपी और एसएसपी के आँखों में धूल झोकते हैं कोतवाल जिनके क्षेत्र में ये कारोबार के बड़े कारोबारी हैं … हद तो ये है जिला की विशेष टीम हमेशा रही है अलग – अलग नाम से लेकिन उनके हाथों भी बड़े कारोबारी नहीं आते या फिर नहीं लिए जाते …. सुधांशु कुमार और सुनील कुमार दो एसपी ऐसे थे जिसमे सुनील कुमार इसी जिला में एसएसपी भी बने थे उस कार्यकाल में तत्कालीन कई दरोगा के द्वारा बड़े कारोबारी के खिलाफ कार्रवाई हुई थी … उन दरोगा में कई डीएसपी हो गए तो कई इंस्पेक्टर ..अब हालत ये है कोतवाल पुड़िया पकड़ साहब को खुश करने में जुटे हैं लिस्टेड एक भी बड़ा कारोबारी जेल नहीं जा सका जो उजला पाउडर का काला कारोबार कर रहा है

वर्दी वाले के कलेजा का टुकड़ा भी हो रहे शिकार
खबर मार्मिक है इस लिए कि नश्ल बर्बाद करने वाले उजला पाउडर का नीला धुंआ आज आम लोगों के बच्चों को हीं चपेट में नहीं ले रहा वर्दी वाले के कलेजा का टुकड़ा भी शिकार हो रहा है …. शर्मनाक है जी वर्दी वालों के कंधे पर स्मैक और नशे कारोबार को रोकने के लिए जिम्मेदारी है उसी वर्दी वाले के बच्चे भी अब चपेट में आ रहें है … हद तो ये है किसी वर्दी वाले के क्षेत्र में बड़े बड़े कारोबारी कार्य कर रहे हैं होलसेल का तो किसी क्षेत्र में नीले धुंए से परेशान पिता अपने कलेजे के टुकड़ों को रास्ते पर लाने के लिए लत छुड़ाने के लिए प्रयासरत हैं …. Please Please Please थानेदार साहब ‘अब तो बंद करवा दें स्मैक का कारोबार … दुखद है आप के भी बच्चे होंगे किसी जिला में वहां वह भी शिकार हो सकते हैं … मौन वाले मौनी रूप तोड़ दें तो कैँशर वाले क्षेत्र वाले भी तौबा करें इस याराना सेक, कोई मौन हैं तो कोई खामोश। इन सब के बीच तंग हक़ीक़त ये है की कारोबार के बड़े बड़े सुरमा के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते कोतवाल, बड़े हाकिम को खुश करने के लिए छोटे छोटे पैडलर को भेज दिया जाता पुड़िया पकड़ जेल

शराब से ज्यादा स्मैक के आदि करते अपराध
स्मैक को रोक पाने में नाकाम थानेदार ने तो हद कर दिया था, स्मैकिये ने हत्या कर दिया लेकिन कोतवाल मानने को तैयार नहीं हुए की स्मैक पीने वाले ने हत्या कर दिया … कारण साफ़ है उनके तत्कालीन क्षेत्र में बड़े कारोबारी में तीन कारोबारी थे …. हद तो तब हुई जब किसी ने हत्या कि सूचना दिया था तो उलटे उसपर ही आरोप लगा दिया, आप लोग यही चाहते हैं हत्या हो … एक ऐसा भी क्षेत्र है जहाँ एक नहीं दो नहीं करीब एक दर्जन कारोबारी है फिर भी उसपर कार्रवाई नहीं .. मौन रहें कारोबार के प्रति इसी सोच के साथ नस्ल बर्बाद करने वाला पाउडर अब वर्दी वाले के परिवार में प्रवेश कर गया