मुजफ्फरपुर के तीन ठाकुर की गिरफ़्तारी में चर्चित रहे इंस्पेक्टर अनिल – कलकत्ता से बॉर्डर तक

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मुजफ्फरपुर का इतिहास रहा है कि कहीं भी कोई बैंक लूट की घटना हो तो इस जिला का नाम आता ही आता है. उत्तर बिहार के अपराधियों ने इस जिला को अपराधियों का राजधानी बना दिया।
पिछले कुछ वर्षों में ठाकुर टाइटल वाले अपराधकर्मी पुलिस के लिए सर दर्द बने हुए थे. ये रियल लाइफ के ठाकुर हैं 
तत्कालीन एसएसपी जयंत कांत के कार्यकाल में इन त्रिदेव ठाकुरों  की गिरफ़्तारी एक बड़ी चुनौती बन गयी थी. इन अपराधियों की गिरफ़्तारी के लिए कई बार योजना बनाए गए लेकिन तीनो ठाकुर अक्सर पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो जाते रहे.
DIG JAYANT KANT IPS
एसएसपी जयंत कांत ने सिटी एसपी नीरज कुमार के साथ लगाया था इंस्पेक्टर अनिल एवं अन्य को 
मामला 2020 का है जब तत्कालीन सिटी एसपी नीरज कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन आईपीएस जयंत कांत ने किया, इस टीम में इंस्पेक्टर अनिल कुमार के साथ अन्य चुनिंदा तेज तर्रार पुलिस पदाधिकारी को शामिल करते हुए तीनो ठाकुर की गिरफ़्तारी के लिए टास्क दिया गया. ये तीन ठाकुर थे बिट्टू ठाकुर, झुन झुन ठाकुर और चुन्नू ठाकुर  
रोचक रहा कलकत्ता में एक पर मिला दो फ्री गिरफ़्तारी 
आईपीएस नीरज कुमार और इंस्पेक्टर अनिल ने पहला टारगेट बनाया बिट्टू ठाकुर को. बिट्टू ठाकुर का लोकेशन कलकत्ता मिल रहा था. टीम में अनिल कुमार और सोना प्रसाद के साथ अन्य लोग कलकत्ता प्रस्थान किए थे. 
कलकत्ता में छापेमारी करने पहुंची टीम का मुजफ्फरपुर से एसएसपी जयंत कांत और सिटी एसपी नीरज कुमार मॉनिटरिंग कर रहे थे.
जिस कमरे में होने की सूचना टेक्निकल रूप से मुजफ्फरपुर से कोलकाता पास किया गया वहां टीम पहुंची।
कमरे के अंदर बिट्टू ठाकुर को देख पूरी टीम खुश हो गयी, बिट्टू को ले कर टीम निकलने लगी तब तक अनिल की नजर झुन झुन ठाकुर पर चली गयी. अनिल ने पहचानते लेट नहीं किया की यह जीतेन्द्र कुमार उर्फ़ झुनझुन है. उसके साथ एक अन्य अपराधी भी पकड़ा गया.
FILE MUZAFFARPUR BITTU THAKUR
मुजफ्फरपुर पुलिस के लिए था अहम् दिन 
देश के आधा दर्जन से ज्यादा और मुजफ्फरपुर में एक दर्जन बैंक लूट के मामले में पुलिस को मिली थी बड़ी कामयाबी कुख्यात बिट्टू ठाकुर और उसके तीन अन्य साथी पुलिस के हत्थे चढ़ गए थे.
तत्कालीन एसएसपी वर्तमान डीआईजी चम्पारण को आज भी वह गिरफ़्तारी याद है. जयंत कांत बताते हैं कि इस टीम में अत्यंत दक्ष तरीके से लगातार मानवीय  और तकनीकी आसूचना संकलन के आधार पर करवाई की थी.  गिरोह के टॉप 3 वांछित अपराध कर्मियों को एक साथ पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया था. बिट्टू ठाकुर का यह गिरोह आपस में संवाद करने के लिए VOIP और WHATSAPP कॉल का प्रयोग करता था. ताकि उनकी गतिविधियों की भनक किसी को नहीं लगे. सभी तीनों गिरफ्तार अपराध कर्मियों से पूछताछ के आधार पर छापेमारी में हथियार भी बरामद हुए थे. गिरफ्तार अपराधकर्मियों से पूछ ताछ के दौरान एक चौंकाने वाला योजना का खुलासा हुआ था, योजना के मुताबिक होने वाले हत्या को पुलिस रोकने में कामयाब रही थी. गिरफ्तार अभियुक्तों ने शराब के धंधे में वर्चस्व की लड़ाई में जेल में बंद अवैध शराब माफिया गोलू ठाकुर एवं मिथिलेश सिंह की कोर्ट में पेशी के दौरान हत्या करने की योजना बनाई थी.
FILE HAJIPUR RAKESH KUMAR IPS
वैशाली – मुजफ्फरपुर का भी रहा संयोग 
2015 में मुजफ्फरपुर के वर्तमान एसएसपी राकेश कुमार वैशाली जिले में पोस्टेड थे उस दौरान भी चुन्नू ठाकुर की गिरफ़्तारी वैशाली पुलिस टीम के द्वारा की गयी थी. करीब 8 वर्षों बाद एक बार फिर आईपीएस राकेश कुमार के मुजफ्फरपुर के कार्यकाल में नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया 
तीसरे ठाकुर की गिरफ़्तारी में भी रहे अनिल इंस्पेक्टर शामिल 
इसे महज संयोग कहें या फिर फ़िल्मी डायलॉग को चरितार्थ होते कहा जाए. मुजफ्फरपुर में अपराधियों के लिए काल बन गए अनिल कुमार का मुजफ्फरपुर से ट्रांसफर हो गया. इस दौरान पिछले दिनों नेपाल और बिहार के बॉर्डर से चुन्नू ठाकुर की गिरफ़्तारी होती है. इस गिरफ़्तारी में अहम भूमिका अनिल और एसटीएफ टीम की रही. चुन्नू ठाकुर तीसरे ठाकुर रहे जिनकी गिरफ़्तारी में भी अनिल शामिल रहे. अनिल फिलहाल बगहा पुलिस जिला में पोस्टेड हैं. चुन्नू ठाकुर के गिरफ़्तारी में अनिल के शामिल होने के बाद फ़िल्म का वह डायलॉग याद आ रहा है “तबादलों से इलाके बदलते हैं…. इरादे नहीं” 
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