मुज़फ़्फ़रपुर में जेलर का हो गया था हत्या, अधीक्षक के आवासीय कैम्पस में लग चुका है शव ठिकाना…. अब आसपास से तफ्तीश

मुजफ्फरपुर का शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा इन दिनों फिर चर्चा में

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मुजफ्फरपुर जेल के आस पास उड़ रहा ड्रोन कैमरा, क्या कोई कर रहा है कैमरा में कुछ कैद ? 
या फिर दहशत फैला कर ध्यान भ्रमित करने की हो रही है साजिश ? 
जेल का बाहरी दीवार की ऊंचाई कितना है सुरक्षित ?
जेल के कैम्पस में गंदा पानी ही नहीं और भी बहुत कुछ हो रहा प्रवेश इसके पीछे कौन है स्थानीय लोगों में ?
REPORT : Arun Srivastava
 
मुजफ्फरपुर का शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा इन दिनों फिर चर्चा में है, चर्चा है की जेल के आस पास नहीं है सब कुछ नियंत्रण में. बाहरी लोगों द्वारा जेल के अंदर प्रतिबंधित सामान फेंके जाने का मामला के बाद जेल प्रशासन के साथ – साथ जिला प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए पुलिस टीम को निर्देशित किया गया, 
प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना से कम स्थानीय टीओपी से तीन पुलिसकर्मी आस पास के आवासों में जांच में जुटे हैं. कहाँ किस आवास में कौन रह रहा है, कहां किरायेदार है और कहाँ से आया है, सत्यापन हो रहा है. मामला जेल के सुरक्षा को ले कर है तो फिर सत्यापन में तीन पुलिसकर्मी ही क्यों ? सवाल बड़ा है अतिसंवेदनशील माने जाने वाला जेल के मामले के सत्यापन में और गंभीरता क्यों नहीं ?
 
 
जेल अधीक्षक के कैम्पस में हत्या कर लगा दिया था शव ठिकाने – जेल का बाहरी दीवार ऊंचाई में सुरक्षित नहीं 
जेल के बाहरी दीवार की बात जाए तो वह कितना सुरक्षित है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की जेल अधीक्षक के आवासीय कैंपस में तीनकोठिया के तरफ से दिसंबर 2013 के पहले हफ्ते में एक शख्स का हत्या कर शव को दिवार से अंदर ठिकाना लगा दिया गया था, तत्कालीन नगर डीएसपी उपेंद्र कुमार ने त्वरित गति से तफ्तीश करते हुए हत्या वाला स्थल चिन्हित करते हुए हत्या में शामिल एक कुख्यात अपराधी की पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया था, जेल अधीक्षक के आवास के कैम्पस की दीवार से महज कुछ कदम की दुरी पर घटना को अंजाम दे कर शव ठिकाना लगाया गया था.
तीन कोठिया इलाका स्मैक और अनैतिक कार्य से जुड़े लोगों का सुरक्षित क्षेत्र बना हुआ है, तीनकोठिया इलाका मिठनपुरा थाना क्षेत्र में है, सिर्फ यही नहीं जेल के चारो तरफ थाना मिठनपुरा ही है. इसी तीन कोठिया इलाके में कथित टाइम बम की बरामदगी भी पुलिस द्वारा किया गया था, बम असली था या नकली ये तो पुलिस और ने जांच एजेंसी का मामला था लेकिन जिस तरह से कथित बम का सर्किट का संचार किया गया था वह कोई परिपक्व व्यक्ति द्वारा ही किया गया होगा 
 
जेल के अंदर रची गयी थी बड़ी साजिश जेल अधिकारीयों के खिलाफ – पूर्व में हो चुका है पदाधिकारी की हत्या 
दशकों पूर्व में मुजफ्फरपुर जेल के एक पदाधिकारी की हत्या ताबरतोड़ बम विस्फोट कर, कर दिया गया था. कुछ वर्ष पूर्व समस्तीपुर रोसरा के तरफ के एक कुख्यात अपराधी द्वारा बड़ी साजिश रची जा रही थी. जेल प्रशासन के सूचना पर तत्कालीन एसएसपी जयंत कांत के निर्देशन में चली कार्रवाई में उक्त कुख्यात अपराधी के गुर्गे घटना को अंजाम देने से पूर्व गिरफ्तार कर लिए गए थे.
यह वही जेल है जहाँ कुख्यात रत्नेश ठाकुर के मिलीभगत में एक जेल पदाधिकारी के आवास पर छापेमारी में बहुत बड़ा खुलासा हुआ था, इस छापेमारी में ये भी खुलासा हुआ था की रंगदारी की रकम जेल के मेन इंट्रेंस के ऊपर बने आवास में रखा जाता था, इसी आवास में छापेमारी भी हुई थी 
जेल का पीछे से भाग रहे थे बंदी – इधर से ही जाता गन्दा और प्रदूषित पानी 
जेल का पिछले भाग को देखें तो तीनकोठिया का निकास मार्ग से पूर्व मंत्री रमई राम के आवास तक कालीबारी रोड के तरफ दीवार की ऊंचाई पांच से 6 फ़ीट मात्र है. 
मुजफ्फरपुर जेल में कुख्यात अपराधियों के साथ नक्सली और समय समय पर आतंक से जुड़े भी बंदी यहाँ बंद रहते है.
मुजफ्फरपुर जेल के अंदर से कई बार वीडियो और फोटो बंदियों का सोशल साइट पर वायरल होता रहा है. इन तस्वीरों में कुख्यात अपराधी भी नजर आते रहते हैं. 
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