Muzaffarpur धन्वंतरि महोत्सव का पंडित विनय पाठक की अध्यक्षता में आयोजन

pmbnewsweb
4 Min Read

जनक आयुर्वेदिक अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर के तत्वावधान में बाबा गरीब नाथ मंदिर के सत्संग भवन में पंडित विनय पाठक की अध्यक्षता में आयुर्वेद के जनक श्री धन्वंतरि के अवतरण दिवस का भव्य आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ भगवान लाल सहनी ने अपने संबोधन में कहा कि आयुर्वेद वर्तमान समय की बहुत बड़ी जरूरत है। यह प्रकृति आधारित भारतीय परंपरा की स्वीकृत जीवन पद्धति है जिसे भगवान धन्वंतरि ने स्थापित किया। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन, बाबा गरीब नाथ के पुजारियों द्वारा स्वस्ति-वाचन तथा जनक आयुर्वेदिक अनुसंधान केंद्र के संस्थापक संचालक वैद्य ललन तिवारी तथा कुमार आशुतोष  के द्वारा पुष्पमाला से अतिथियों का स्वागत किया गया। अपने स्वागत संबोधन में वैद्य ललन तिवारी ने कहा कि समुद्र मंथन से लक्ष्मी के साथ ही भगवान धन्वंतरि का भी हुआ। जीवन के ऐश्वर्य और संपदा के लिए मनुष्य का हर तरह से स्वस्थ रहना आवश्यक है। विशिष्ट अतिथि डॉ राजेश कुमार, अपर समाहर्ता ने कहा कि कोरोना काल में आयुर्वेद की महत्ता को हम लोगों ने देखा है और यह हमारे जीवन की रक्षा के लिए बहुत ही जरूरी है। साहित्यकार डॉ संजय पंकज ने आयुर्वेद, भारतीयता, स्वास्थ्य और संस्कृति पर विस्तार से बोलते हुए कहा कि डॉ ललन तिवारी जैसे आयुर्वेदाचार्य की समाज को नितांत आवश्यकता है। वैद्य तिवारी सादगी, संयम और समाज सेवा के लिए समर्पित हैं। उनकी अभी-अभी प्रकाशित हुई पुस्तक शतम जीवेत लोगों के जीवन में निरोग और खुशहाली लाएगी, ऐसा मेरा विश्वास है। इस पुस्तक की हर घर को अनिवार्यता है। वरिष्ठ सर्जन डॉ एच आर भारद्वाज ने कहा कि आयुर्वेद स्वास्थ्य की कुंजी है जो हमारे देश में हजारों वर्षों से मौजूद है। एलोपैथ तो बहुत बाद की ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें रोगों का निदान होता है। समारोह को संबोधित करते हुए एसडीओ पूर्वी श्री ज्ञान प्रकाश, डीएसपी पश्चिमी श्री अभिषेक आनंद, जागरण के संपादक संयम कुमार, प्रबंधक परितोष झा, समाजसेवी शंभू नाथ चौबे, एचएल गुप्ता, अधिवक्ता अरुण शुक्ला, डॉ पल्लवी सिन्हा, गुणाकर पांडे, मुकेश त्रिपाठी, नित्यानंद शर्मा, डॉ रीता पराशर, सरदार योगेंद्र सिंह गंभीर, डॉ राकेश कुमार मिश्र, आदि ने कहा कि वैद्य ललन तिवारी अपने ज्ञान और कौशल से लोगों की सेवा तो कर ही रहे हैं, अनुरोध है कि नई पीढ़ी को भी तैयार करें ताकि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति हर घर में प्रवेश करे और लोगों को स्वस्थ रहने का मंत्र बताए। आयोजन में श्री धन्वंतरि सम्मान समारोह के अंतर्गत कला, साहित्य, संस्कृति, धर्म, अध्यात्म और समाज सेवा के लिए कार्य करने वाले पंद्रह विशिष्ट लोगों को जनक आयुर्वेद सम्मान से पुष्पगुच्छ, स्मृति चिन्ह, शॉल और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।चार दर्जन से अधिक लोगों को भी कर्तव्य निर्वहन और सेवा के लिए सम्मानित किया गया। समारोह का प्रभावशाली संचालन कवि, चित्रकार गोपाल फलक ने और धन्यवाद ज्ञापन वैद्य ललन तिवारी ने किया।

Share This Article