LIC भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना 1 सितम्बर 1956 को जब किया गया था तो देश का सबसे प्रतिष्ठित जीवन बीमा का संस्था बना … Life Insurance Corporation of India के बारे में कोई ये कल्पना भी नहीं कर सकता था की LIC में भी गबन और घोटाला कोई करेगा …
निजी कम्पनी के आने के बाद LIC बदलते वक़त के साथ तंगी दौर के बीच भी बेहतर कार्य कर रहा है ऐसे में मुजफ्फरपुर का विवादित शख्स पर अब लगा आरोप …. जांच सीबीआई के हवाले होने जा रहा है … आप को बताते चलें भारत को जब आजादी मिली थी उस दौरान अनेक बिमा कंपनियां कार्य कर रही थी … जिसमे जेनरल और लाइफ का बिमा होता था … 1956 में जब LIC की स्थापना हुई तो करीब ढाई सौ से ऊपर कंपनियों का LIC में अधिग्रहण हुआ था … उन दिनों LIC के DO डेवलपमेंट अफसर की सैलरी 150 रूपए मात्र थी …
LIC घपला क्या है
मुज़फरपुर में कार्यरत रहे LIC कर्मी प्रमोशन के साथ मुजफ्फरपुर से गोपालगंज गए और वह विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ा तो जोन ट्रांसफर के साथ यूपी के कानपुर पहुंचे … आम भाषा में कलर्क से साहब तक का सफर तो तय कर लिया लेकिन विवाद से अपने दमान को नहीं सुरक्षित रख सके … कानपुर के मालरोड शाखा में फर्जीवाड़ा में अब फंस ही नहीं गए हैं जल्द अलगे कुछ दिनों में CBI भी इस मामले को अपने तरीके से तफ्तीश शुरू करते हुए घेरे में ले लेगी … मामला डेथ क्लेम से जुड़ा है … कोरोना काल में डेथ क्लेम की कई राशि को दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिया गया … हद तो ये है उसमे आरोपी बने साहब भी अपने टेंट हॉउस के खाते में या उससे जुड़े लोगों के खाते में ट्रांसफर कर दिया … इसमें कई महिला का भी खाता बताया जा रहा है … क्लर्क से AAO के सफर के बीच विवाद तो साथ था ही अब घपला का भी आरोप आ गया सामने …

कैसे हुआ घपला
LIC के ब्रांच 1 में मुजफ्फरपुर में जब कार्यरत थे सतीश कुमार तब से विवाद में रहे … कुछ दिन पूर्व तक LIC में इम्प्लाई पासवर्ड आपस में लोग शेयर कर लेते थे … जिसका फायदा सतीश कुमार ने खूब उठाया … गोपालगंज जब AAO के प्रमोशन के साथ गए तब भी कुछ जांच के घेरे में आए लेकिन अपनी ऊँची रसूक के वजह से नौकरी को बचाने में कामयाब हो गए लेकिन सतीश का ZONE ट्रांसफर कर दिया गया विभाग के द्वारा …. हाल के दिनों में Thumb Impression अंगूठे के निशान के साथ LIC में कर्मी कार्य कर रहे हैं …

टेंट हॉउस के संचालक
सतीश कुमार मुजफ्फरपुर के बैरिया इलाके में न सिर्फ अपना आशियाना रखे हुए हैं … जिला के टेंट हॉउस के मामले में एक से दस के बीच बात की जाए तो एक बड़े टेंट हॉउस का संचालन भी होता है जिसके मुख्य स्वामी सतीश ही हैं … व्यवसाय भी अच्छा चलता है …
सतीश पर पूर्व में भी हुए हैं मुकदमे
सतीश कुमार का शुरुआती जिंदगी में पत्नी से सही तालमेल नहीं रहता था … अपुष्ट खबर ये भी है उन दिनों विवाद के कारण पत्नी के नालिसी पर जेल तक जाना पर गया था लेकिन बाद में पारिवारिक स्तर पर मामले को सुलझाया गया … सतीश के ससुराल पक्ष मजबूत है जिस वजह से सतीश को झुकना पर गया था … खबर ये भी है ससुराल पक्ष में कई लोग पुलिस विभाग में बड़े पद पर कार्यरत है …
सूत्रों की माने तो सीबीआई में मामला पहुँचते ही सीबीआई अपने स्तर से एफआईआर दर्ज कर आगे के अनुसन्धान में जुट जाएगी .. इस मामले में माना जा रहा है सीबीआई की तीन टीम एक साथ जांच कर सकती है