बिहार में कौन है लॉरेंस बिश्नोई के निशाने पर ? क्या सिर्फ एक्सटॉर्शन मात्र तक सीमित रहेगा गिरोह ? क्या कोई बड़े कारोबारी, ठेकदार होंगे टारगेट ? या फिर स्थानीय बड़े गिरोह अत्याधुनिक हथियार के लिए लॉरेंस के संपर्क में हैं. स्थानीय गिरोह को क्या बैकअप दे रहा है लॉरेंस गिरोह।
Report : ARUN SRIVASTAVA
ऐसे कई सवाल है जो हाल के घटनाक्रम के बाद उठने लगे है. उत्तर बिहार में ख़ास कर लॉरेंस विश्नोई के गुर्गों की गिरफ़्तारी से ये साफ़ है की मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, सीतामढ़ी, में गिरोह के सदस्य ऐक्टिव है, मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र और सदर थाना क्षेत्र के कुछ नवयुवक कहें या अपराधी चरित्र के लोग गिरोह के संपर्क में हैं. वहीं अहियापुर ब्रह्मपुरा और सदर थाना क्षेत्र का बॉर्डर इलाके में हथियार की डीलिंग ने ये साफ़ कर दिया है की लोकल संरक्षण के बगैर नहीं है लॉरेंस गिरोह के लिए सुरक्षित क्षेत्र।
इन इलाकों में लॉरेंस से जुड़े गुर्गों की गतिविधि मुजफ्फरपुर के लिए शुभसंकेत नहीं है. कहीं न कहीं मुजफ्फरपुर के बड़े कद वाले कोई न कोई टारगेट में है वह भले ही एक्सटॉर्शन के लिए ही क्यों न हो. मुजफ्फरपुर एसएसपी राकेश कुमार के निर्देश पर सीतामढ़ी बॉर्डर इलाके से लॉरेंस के गुर्गों की गिरफ़्तारी की गयी थी. एसएसपी राकेश कुमार बताते हैं की गिरोह से जुड़े होने की आशंका पर ऐसे गुर्गों पर लगातार पुलिस नजर रख रही है.

पुलिस जवान का पुत्र लॉरेंस भारत के अन्य राज्यों के साथ नेपाल से दुबई तक गिरोह करता संचालित
लॉरेंस विश्नोई के पिता हरियाणा पुलिस में सिपाही थे लेकिन वक़्त के साथ नौकरी छोड़ किसान बन गए. पुलिसकर्मी रहते लॉरेंस को अच्छी तालीम दिलाने के लिए 12 वीं की पढाई के बाद DAV कॉलेज तक में पढ़ाया। पिता के तर्ज पर पुत्र भी पढाई से अलग अपराध को ही चुनते चला गया. वहीं पिता पुलिस की नौकरी छोड़ किसान बन गए. लॉरेंस आज के तारीख में अपराध के क्षेत्र में देश में एक बड़ा नाम बना है. कई राज्यों के लिए जेल में बैठ कर पुलिस को चुनौती देता आ रहा है. बिहार में लॉरेंस के गुर्गों की गिरफ़्तारी तो जरूर हो रही है लेकिन चुनौती बड़ी है गिरोह पर लगाम लगाने का.

चम्पारण पुलिस ने किया बड़ी कार्रवाई
दुबई में बैठा शशांक लॉरेंस विश्नोई के छोटे भाई अनमोल के नाम पर AAP नेता से रंगदारी डिमांड किया था. इस मामले में अंबाला सेक्टर 09 थाना में नेता मक्खन सिंह ने कांड संख्या 83/23 दर्ज कराया था.
चम्पारण डीआईजी जयंत कांत के निर्देश पर संदिग्धों पर जिलों की पुलिस रख रही थी विशेष नजर, इसी दौरान नेपाल भारत सीमा पर रक्सौल थाना क्षेत्र में बड़ी घटना को अंजाम देने के फ़िराक में घूम रहे शशांक पांडेय और उसका साथी त्रिभुवन साह पुलिस के हत्थे चढ़ गया, गिरफ़्तारी के वक़त इन लोगों के पास से 9 MM का पिस्टल गोली के साथ नेपाली और भारतीय मुद्रा बरामद किया गया था. दोनों गिरफ्तार बदमाश मुख्य रूप से बिक्रम बरार और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के गैंग में शामिल है.
मोतिहारी पुलिस के द्वारा ही इनरवा थाना क्षेत्र के निवासी विनय गुप्ता को लॉरेंस गांड को लोकल सपोर्ट और मदद करने में आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया गया, बेतिया पुलिस के सहयोग से रक्सौल पुलिस इस कार्रवाई में उपलब्धि पायी।

लॉरेंस बिश्नोई का मुजफ्फरपुर से कनेक्शन – मुजफ्फरपुर, मोतिहारी के साथ गोपालगंज में हुआ खुलासा
झारखंड का कुख्यात अमन सिंह गिरोह को पिस्टल पहुंचाने के लिए ट्रांजिट ट्रांजेक्शन केंद्र लॉरेंस के गुर्गों ने बनाया मुजफ्फरपुर।
सूत्रों की मानें तो मुजफ्फरपुर के चांदनी चौक के करीब ये पिस्टल का खेप अमन सिंह के गुर्गों को सुपुर्द करना था. अहियापुर, ब्रह्मपुरा, सदर थाना ऐसे इलाके में खुद को सुरक्षित समझने वाले गिरोह के सदस्य ने चांदनी चौक के पास ठिकाना चुना था.
लेकिन लॉरेंस के गुर्गों के मंसूबे पर गोपालगंज पुलिस की सक्रियता ने पानी फेरते हुए बड़ा खुलासा किया।

गोपालगंज पुलिस ने पकड़ा अत्याधुनिक ग्लोक पिस्टल
झारखंड का अमन गिरोह को करना था सुपुर्द ग्लोक पिस्टल या मुजफ्फरपुर या मोतिहारी में देना था बड़ी घटना को अंजाम। इन सवालों के बीच गोपालगंज पुलिस ने किया था बड़ा खुलासा। ग्लोक पिस्टल के साथ पकडे गए दोनों युवक से पूछताछ के बाद अजमेर और मुजफ्फरपुर में छापेमारी के दौरान अजमेर से एक और शख्स की गिरफ़्तारी करने में कामयब रही गोपालगंज पुलिस, पुलिस गिरफ्त में आया शख्स मुजफ्फरपुर के गायघाट थाना क्षेत्र का शांतनु शिवम ने लॉरेंस गिरोह के बारे में बहुद हद तक बड़ी जानकारियां पुलिस को उपलब्ध कराया।
सवाल बड़ा है, मुजफ्फरपुर और मोतिहारी में कौन था टारगेट ? किसे बनाने वाले थे गिरोह के सदस्य निशाना, ऐसे सवालों के बीच फिलहाल मोतिहारी और मुजफ्फरपुर पुलिस सक्रिय दिख रही है
दिल्ली पंजाब ऐसे जगहों से दूर बिहार, झारखण्ड ऐसे राज्यों में अपना सिंडिकेट विस्तार में लगातार प्रयासरत है लॉरेंस विश्नोई। लॉरेंस बिश्नोई बचपन में एक पुलिसकर्मी का पुत्र के रूप में शिक्षा ग्रहण करते करते DAV स्कूल के सफर तय करने वाला बन गया भारत का अंडरवर्ल्ड डॉन के लिस्ट में. ख़ास कर एक हिरण को मुद्दा बना सलमान खान को टारगेट करने वाला विश्नोई का मकसद क्या है. लॉरेंस की माने तो उसके समाज में हिरण के प्रति एक अलग आस्था है जिस वजह से वह सलमान खान के माफ़ी मांगने तक अपना बदला लेने की बात करता है. सलमान के घर फायरिंग करने मामले में भी मुंबई पुलिस चम्पारण में कार्रवाई कर चुकी है. वहीं लॉरेंस अपराध छोड़ने के बात भी कर चूका है बदले में खुद की गारंटी मांगता है. सलमान को टारगेट करने के पीछे खुद को हाईलाइट के बात से इंकार करता है.
बिहार के कई कुख्यात दिल्ली एवं अन्य राज्य में जेल में बंद है. ऐसा माना जा रहा है उन सिंडिकेटों के संपर्क से लॉरेंस बिहार में अपना पैर जमा रहा है