मुजफ्फरपुर में स्थानीय अपराधकर्मी के साथ दूसरे जिले से आ कर अपराध करने वाले अपराध कर्मियों की संख्या कम नहीं है, हाल ही में मिठनपुरा थाना में हुए अपराध मामले में CCTV से चिन्हित अपराधकर्मी ने जो खुलासा किया वह चौंकाने वाला है. गिरफ्तार अपराधी ने बताया की एक बार पकड़े जाने पर अपने किराया पर लिया घर बदल देते हैं, पिछली बार जब पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेजा तो नए इलाके में ठिकाना बना लिए.

हाजीपुर का शातिर बना लिया मुजफ्फरपुर को ठिकाना – गोलू कौन पुलिस पकड़ से बाहर
हाजीपुर के नगर थाना क्षेत्र के चौहट्टा इलाके का रहने वाला शत्रुधन सहनी अपराध में प्रवेश के साथ बन बैठा जरायम के दुनिया का बादशाह, हाजीपुर में कई अपराध की घटना को कारित करते रहने के बाद बढे मनोबल के बीच एक बार पुलिस पकड़ में आया और फिर जिला छोड़ मुजफ्फरपुर को बना लिए ठिकाना। मुजफ्फरपुर के सदर थाना क्षेत्र में किराया पर घर ले कर इसने अपने गिरोह को जिला में विस्तारित किया और फिर करने लगा छिनतई। इसी दौरान सकरा थाना क्षेत्र में पुलिस के हत्थे चढ़ा और फिर जेल से छूटने के बाद मिठनपुरा थाना क्षेत्र में बिहारशरीफ के भरावपर रांची रोड की रहने वाली आरची शर्मा नामक छात्रा से रामबाग इलाके में चेन छिनतई किया, ये घटन 2021 की है जब अपराध को अंजाम दिया, इस घटना में इसका साथी गोलू फरार हो गया था. खुद शातिर शत्रुघ्न सहनी पब्लिक के हत्थे चढ़ा और जम कर पब्लिक ने इसकी खबर ली, शत्रुधन इतना शातिर हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ये हर घर, इलाके में अपना नाम बदलता रहता है। शत्रुध्न के नाम अनेक हैं, शत्रुध्न चौधरी, लुरकी, सोनू और आदित्य के साथ मोटू बॉस.

मुजफ्फरपुर में एक बार फिर एसएसपी राकेश कुमार के निर्देश पर चली कार्रवाई में मिठनपुरा पुलिस टीम के द्वारा मालीघाट थाना क्षेत्र में हुए छिनतई मामले में गिरफ़्तारी हुई और जेल भेजा गया, वक़्त के साथ लुरकी अपराध का तरीका बदल दिया है और अब और घातक हो गया है, पहले सिर्फ छिनतई करता था अब फायरिंग कर दहशत पैदा कर छिनतई करता है, इसके साथी गोलू के खिलाफ बेला इलाके में बड़े अपराध में नाम आया हुआ है, अब देखना दिलचस्प होगा अन्य साथी कब गिरफ्तार होते हैं

किरायेदारों का सत्यापन हुआ था पूर्व में :
तत्कालीन एसएसपी विवेक कुमार के कार्यकाल में एक मुहिम पुलिस की चली थी, जिसमे तत्कालीन नगर डीएसपी आशीष आनंद के नेतृत्व में शहरी क्षेत्र के सभी किरदार का सत्यापन की पहल हुई थी, सभी मकान, लॉज मालिकों को पुलिस के तरफ ने निर्देशित किया गया था कि अपने किरायेदारों की विवरणी स्थानीय थाना में जमा करें। इसके बाद कई इलाके में अपराध से जुड़े लोग पलायन कर गए थे