मुजफ्फरपुर में घरेलू कामगार महिलाओं का सहारा बना “संबल” – मजदूर दिवस पर समारोह

अधिवक्ता संगीता सुभाषिनी पत्रकारिता के साथ लेखन कार्य से भी जुड़ी रहीं हैं. घरेलू कामगार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्यक्रमों के आयोजन कर अक्सर सन्देश देते रहती हैं

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मुजफ्फरपुर की रहने वाली संगीता सुभाषिनी जिला में गरीब, बेसहारा, शोषित महिलाओं और घरेलू महिला कामगारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव के लिए और उन्हें समाज से जोड़ते हुए जिंदगी के उस सफर पर चल पड़ी हैं महिलाओं अपने जज्बे को पंखों – सा – फैलाओ तुम, ज्ञान के आकाश में, विचारों और छा जाओ तुम. यही सिख के साथ घरेलू कामगार महिलाओं की आवाज बन रही हैं. सामाजिक संगठन “संबल” के साया में बेसहारों की भी सहारा बन रही हैं संगीता सुभाषनी।

 
मजदूर दिवस के मौके पर 01 मई 2025 को ‘संबल’ के तत्वाधान में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया 
सामाजिक संगठन “संबल” ने ०१ मई दिवस के अवसर पर घरेलू महिला कामगारों के साथ मजदूर दिवस समारोह अत्यंत हर्षोल्लास और गंभीर विचार विमर्श के साथ मनाया। इस अवसर पर प्रसिद्ध लोक कलाकार सुनील कुमार एवं अनीता कुमारी के जनवादी गीतों की प्रस्तुति ने कार्यक्रम को अत्यंत जोशीला बना दिया। उपस्थित लोग कुछ समय के लिए अपना सारा गम भूल गए। युवा कलाकार अमित कुमार एवं आदित्य सुमन की प्रस्तुति को भी बहुत सराहना मिली।
इस समारोह को कई विशिष्ट लोगों ने संबोधित किया जिनमें वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कुमार, समाजसेवी राकेश कुमार, वरिष्ठ साहित्यकार प्रमोद नारायण मिश्र, महिला नेत्री प्रोफेसर संगीता, समाजसेवी चंद्रशेखर कुमार, योग शिक्षक डॉ प्रदीप कुमार झा के नाम शामिल हैं। समारोह में संगीता सुभाषिनी ने मजदूर महिलाओं की आर्थिक दशा, सुरक्षा एवं समाधान जैसे विषयों पर अपनी बात रखी। मजदूर महिलाओं ने भी लोगों के सामने अपनी तकलीफों को रखा। उपस्थित लोगों में प्रसिद्ध रंगकर्मी स्वाधीन दास, अधिवक्ता रामवृक्ष राम चकपुरी, युवा साहित्यकार श्रवण कुमार, अभिधा प्रकाशन के निदेशक अशोक गुप्त आदि प्रमुख थे।
संगीता सुभाषिनी कहती हैं आज के समाज में हर व्यक्ति एक एक गरीब या शोषित परिवार की मदद करे तो देश में गरीबी, भुखमरी, अशिक्षा और दमन जैसी तमाम समस्याओं का अपने आप हल होता चला जाएगा।
अधिवक्ता संगीता सुभाषिनी पत्रकारिता के साथ लेखन कार्य से भी जुड़ी रहीं हैं. घरेलू कामगार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्यक्रमों के आयोजन कर अक्सर सन्देश देते रहती हैं
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