बिहार में अक्सर सोना चांदी दुकान पर लूट की घटना होती रहती है … लूट, चोरी और डकैती की घटना के बाद बड़े कारोबारी जो होते हैं वह लूटा गया सामान को कम कर दर्शाते हैं … स्वर्ण कारोबार से जुड़े एक प्रतिष्ठित कारोबारी की माने तो इसके पीछे वजह ये है की पक्का का काम कम होता है … जिस वजह से कारोबारी कभी नहीं दिखा सकते की हम इतने बड़े लूट के शिकार हुए हैं … वजह ये है सेल टैक्स और इनकम टैक्स की नजर हम कारोबारियों पर रहती ही हैं साथ ही अगर पुलिस लूट का सामान बरामद कर लेती है तो उसके लिए हमारे पास पेपर कहाँ से आएगा … रोकड़ पंजी में दो तरह का हम लोग रखते हैं … पक्का का अलग और कच्चा का अलग ….

सोना चांदी लूट ऐसे अपराध बढ़ने में स्वर्ण कारोबारी दोषी
स्वर्ण कारोबारी के यहाँ घटना हो या फिर स्वर्ण आभूषण की लूट किसी फाइनेंस बैंक से हो अपराधी लूट का सामान स्वर्ण कारोबारियों के हाथ बेचते आ रहे हैं … ये कोई दुकान का कपड़ा चोरी नहीं है जो घर घर फेरी कर चोर बेच लेंगे … लूट के बाद अपराधी दूसरे कारोबारी के पास जब सोना चांदी हिरा बेचने जाते हैं उस वक़्त औने पौने यानी कम दाम में ले कर कारोबारी सोना चांदी को गला लेते हैं .. ये कारोबारी अक्सर पुलिस के सामने आते रहते हैं … हाल में हुए घटना पर गौर करें तो दरभंगा, मोतिहारी और हाल में महुआ थाना क्षेत्र में हुए घटना में स्वर्ण कारोबारी भी गिरफ्तार किए गए हैं …

अपराधियों के करीबी कारोबारी
मुजफ्फरपुर में रोहित हत्या कांड में भी जिला के एक एनएच वाले थाना क्षेत्र के कुछ कारोबारी चिन्हित हुए थे … हालांकि पुलिस ने सिर्फ शूटर को गिरफ्तार किया था …कारण आज तक राज ही बन कर रह गया … महुआ थाना क्षेत्र में हुए घटना में 5 खरीदार गिरफ्तार किए गए … ऐसे में स्वर्ण आभूषण अपराध में अपराधी और स्वर्ण कारोबारी की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता … अगर कारोबारी खुद सही हो जाएं तो एक हद तक इस अपराध पर काबू पाया जा सकता है … जो उम्मीद नहीं की जा सकती है .

कारोबारी करते कानून से खेल
PMB न्यूज़ से बात चित में के दौरान कारोबारी सूत्र बताते हैं की बड़े कारोबारी कम कर दर्शाते हैं लूट का सामान … लेकिन हाल के घटना पर गौर करें तो एक कारोबारी ने तो हद कर दिया … लूट के शिकार कारोबारी ने आठ पैकेट यानी बोरा झोला में सामान लुटे जाने की सूचना ही नहीं दिए पुलिस को एफआईआर तक दर्ज करा दिए हैं …. लूटा गया डीवीआर बरामद हुआ तो ये जानकारी मिली तकनीकी सहयोग से लूटेरे तीन झोला ही सामान ले गए …ऐसे में लूट के शिकार कारोबारी पुलिस को पहले दिन से ही भ्रमित कर दबाव बनाते हैं … ////

संगठन का दायित्व क्या ?
बिहार में ही नहीं हर जिला में स्वर्ण कारोबारी का संगठन है .. ये संगठन हत्या या लूट के बाद धरना प्रदर्शन करते हैं … लाजमी है लोकतंत्र में इसका अधिकार हैं उन्हें वह करें … लेकिन यह संगठन के नेता और कार्यकर्ता एक मुहिम चला कर इस मुद्दे पर कार्य करते की कोई सामान बेचने आता है उसकी सूचना स्थानीय थाना को देते तो वही कारोबारी अपराध के शिकार होने से बच जाएंगे …