मुजफ्फरपुर में क्राइम कंट्रोल पर ही नहीं विभाग को कंट्रोल करने में भी सक्रिय हैं एसएसपी सुशील कुमार। यही वजह है की अल्प कार्य दिन में ही पब्लिक में एक अलग छवि बन रही है

Report : Arun Srivastava
मुजफ्फरपुर में थाना स्तर पर हो रही लापरवाही और वृहत रूप से चल रहे अवैध कारोबार पर अंकुश नहीं लगने पर, आम लोगों में पुलिस पर से भरोसा लगभग समाप्त होता जा रहा था. आलम ये हो गया था, कई मामले पुलिस तक पहुँचाने में फरियादी दहशत में आ कर खुद निपटाने में लग जाते थे,
मुजफ्फरपुर में एसएसपी के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद आईपीएस सुशील कुमार को कम समय में ही थानों की स्थिति और अंदरखाने चल रहे खेल की जानकारी मिलने लगी.
आईपीएस सुशील कुमार एसएसपी के द्वारा पुलिस विभाग के अंदर चल रहे खेल पर लगाम लगाने के लिए लगातार कार्रवाई होने लगी. हर मामले में जांच के बाद हो रही कार्रवाई से दोषी कोतवाल और अन्य पदाधिकारी सस्पेंड और लाइन क्लोज होना शुरू हो गए.
एसएसपी की इस कार्रवाई से आम लोगों में जबरदस्त भरोसा नए एसएसपी पर बनता जा रहा है.
कांटी थाना में हुई कार्रवाई
कांटी थाना हाजत में आत्महत्या की घटना के बाद फूटा ग्रामीणों के गुस्सा के बीच एसएसपी सुशील कुमार द्वारा थानेदार सहित अन्य पदाधिकारी पर कार्रवाई किया गया. इस मामले में हुई कार्रवाई के बाद थानेदार द्वारा पकड़ कर छोड़ना और तय सिमा से अधिक कस्टडी किए जाने की चर्चाओं के बीच इलाके के लोगों को बड़ी राहत मिली, बात सिर्फ कांटी थाना की हो तो वहां निजी चालक रात्रि में जबरदस्त वसूली अभियान चलाते आ रहे हैं. इसमें कोतवाल से ले कर थाना के सभी कर्मी अवगत हैं और गस्ती में शामिल टीम तो संलग्न है हीं

शहरी क्षेत्र के संवेदनशील थाना केएमपी में कार्रवाई
काजी मोहम्मदपुर कोतवाल को हटाने के बाद ये साफ़ हो गया है की एसएसपी तक हर थाना की खबर पहुँच रही है. काफी दिनों से छोटे से छोटे मामले में चर्चा में थे रवि गुप्ता, थाना के अंदर से ही छन कर जो खबरें सामने आ रही थी उससे उनके कार्यशैली पर सवाल उठ रहा था. पूर्व में भी जिला में जहाँ भी कोतवाल के रूप में पोस्टिंग हुई थी वहां विवादों के बीच टर्म पूरा होने से पूर्व ही तत्कालीन एसएसपी द्वारा उन्हें हटाया गया था.
हत्था में हुई कार्रवाई तो बानगी है, अन्य जगहों पर लोकलाज के भय से नहीं खुलता मामला
ताजा मामला हत्था प्रभारी शशि रंजन कुमार का है. बैड टच में कुर्सी से फाइनल बेटच कर दिए गए. शशि रंजन कुमार वही एसआई हैं जिन्हे पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर दुबारा जिला में लाया गया था.
प्रॉपर्टी डीलर हत्याकांड के बाद भूमाफिया सांठगांठ उजागर होने के बाद बड़े संख्या में दरोगा, इंस्पेक्टर सहित अन्य को जिला से ट्रांसफर किया गया था, उस ट्रांसफर में शशि भूषण की जगह शशि रंजन का ट्रांसफर हुआ था, बाद में सुधार के तहत इन्हे वापस जिला में भेजा गया था और शशि भूषण को ट्रांसफर किया गया था .
एक महिला पुलिसकर्मी ने हिम्मत कर अपने से हुए अभद्र टच की बात अधिकारी तक पहुँचाया तो कार्रवाई हुई,
जांच के बाद एसएसपी सुशील कुमार द्वारा की गयी कार्रवाई के बाद महिला पुलिस पदाधिकारियों और महिला पुलिसकर्मियों में सुरक्षा की भावना जागृत हुई है

बेलगाम कोतवाल को लेना होगा सबक
कुछ ले रहे सबक तो कई कार्रवाई के खौफ से अलग अपने कार्य में व्यस्त हैं.
एसएसपी सुशील कुमार के द्वारा चली कार्रवाई से साफ़ है की ट्रक उतरने वाले क्षेत्रों के कोतवालों में भी दहशत बना होगा।
उन कोतवालों के लिए भी सबक है जिनके थाना के चंद कदम की दुरी पर गाजा और स्मैक की बिक्री हो रही है
उनके लिए भी सबक है जो टीपर और ट्रक मट्टी का पकड़ लाखों का खेल करते हैं, उपमुख्यमंत्री के संज्ञान के बाद भी कार्रवाई से बच गए थे लेकिन अब एसएसपी के संज्ञान में फिर मामला आया तो बचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.
खबर ये भी है 2016 के बाद ट्रक वाला चल रहा धंधा में अब ठिका होने लगा है, ट्रक हो या पिकअप कितना भी उतरे टेंडर राशि तय है.
सबक उनके लिए भी है जो जमीन कब्ज़ा करवाने के लिए अवैध रूप से किसी को जेल भेज दिया करते थे
सबक उनके लिए भी है जिनके इलाके में खुलेआम ट्रक और वाहनों के चोरी का सिंडिकेट कबाड़ी की दुकान से संचालित हो रहा है और संचालक माह में एक बार थाना के इर्द गिर्द दीखते रहते हैं
सबक उन जैसो के लिए भी है जो जमीन कब्ज़ा करवाने के लिए झूठा शराब मामला में कांड दर्ज कर दिया करते थे.
एसएसपी की कार्रवाई के बाद भी अभी भी कई इलाकों में कार्यशैली में सुधार नहीं दिख रहा है, ऐसे में बड़ा सवाल ये है की क्या इन्हे कार्रवाई का भी नहीं है