पटना : अवैध बालू उत्खनन एवं गैर कानूनी व्यापार के संबंध में आर्थिक अपराध इकाई, बिहार, पटना की विशेष टीम द्वारा अवैध बालू उत्खनन की कार्यशैली संदिग्धों, विचौलियों एवं राज्य तथा जिला स्तरीय पदाधिकारी / कर्मियों की भूमिका का सत्यापन एवं आसूचना संकलन किया जा रहा था। इसी क्रम में तत्कालीन अंचलाधिकारी, बिहटा, पटना, विजय कुमार सिंह का इस गैर कानूनी धंधे में संदिग्ध भूमिका की बात प्रकाश में आयी ….. निगरानी न्यायालय से तलाशी अधिपत्र प्राप्त कर पुलिस उपाधीक्षकों के नेतृत्व में आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीमों का गठन किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा आज दिनांक 25.02.2022 को श्री सिंह के निम्नलिखित ठिकानों की तलाशी ली गयी :
विजय कुमार सिंह के ग्राम अनाईट, थाना आरा नवादा, जिला भोजपुर स्थित पैतृक मकान एवं 2 लेन नंबर 3, रंजन पथ, ज्ञान निकेतन स्कूल के पास गोला रोड, थाना-रूपसपुर, जिला-पटना, श्री सिंह अवर सेवा चयन पर्षद से सीधे नियुक्त पदाधिकारी हैं एवं इनकी नियुक्ति तिथि 18,04.1990 है । ये अंचल अधिकारी, बिहटा के अलावा अंचलाधिकारी, डुमरांव (बक्सर), अंचल अधिकारी, नगर, गया एवं अन्य जगहों पर पदस्थापित रहे हैं,ये वर्तमान में निलंबित हैं
स्वयं के नाम से बिहटा में 6.25 डी० का आवासीय भूखण्ड 8.45 लाख रुपये में पत्नी के नाम से वर्ष 1998 में दानापुर, मित्रकूट नगर में 4.68 डि० का आवासीय भूखण्ड, जिसका क्रय मूल्य 75,000/ रुपये है, वर्ष 1999 में दानापुर, शाहटाली में 438 वर्ग फीट का भूखण्ड, जिसका क्रय मूल्य 28,000/ रुपये है तथा गोला रोड में 01 कट्ठा में बना आवासीय मकान, जिसका अनुमानित क्रय मूल्य 18,00,000/ रुपये है, क्रय एवं निबंधन कराया गया है। इन भूखण्डों के स्टाम्प / निबंधन शुल्क में
195,880 / रूपये व्यय किया गया है। इनकी पत्नी तथा अन्य कई परिजनों के नाम भारतीय स्टेट बैंक / बैंक ऑफ बड़ौदा / पंजाब नेशनल बैंक / कैनरा बैंक / यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया में संधारित खातों में भारी राशि जमा की गई हैं ।
इनके द्वारा अन्य वित्तीय संस्थानों में करीब 21,95,477 / रूपये निवेश किये जाने के साक्ष्य मिले हैं। श्री सिंह की कुल अनुमानित आय 1,17,66,735 / रुपये पाई गई। उनकी परिसंपत्तियों एवं अन्य व्यय के आधार पर उनकी आय से अधिक संपत्ति 1,05,20,636 / रुपये पायी गयी है, जो आय के ज्ञात / वैध स्रोत से 81% अधिक है। इससे प्रतीत होता है कि अपने सेवा काल में इन्होंने अपने पद का भ्रष्ट दुरुपयोग कर ज्ञात / वैध आय के स्रोत से काफी अधिक धनार्जन किये हैं