मुजफ्फरपुर में दर्जनों AK 47 ! एक AK 47 बरामद – आराम से हो रहा दूसरे राज्य से तस्करी

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बिहार में अवैध हथियार के कारखानों पर लगातार पुलिस और बिहार STF के कार्रवाई के बाद हथियार कि कमी हो गयी है, बिहार में अब दूसरे प्रदेश से हथियारों की हो रही तस्करी, बिहार एसटीएफ बंगाल और यूपी में छापेमारी कर ये खुलासा कर दिया है की कैसे दूसरे प्रदेश में हो रहा आर्म्स का निर्माण।
मुजफ्फरपुर में एसटीएफ और जिला पुलिस की टीम के संयुक्त कार्रवाई में AK 47 की बरामदगी से एक बार फिर साबित हो गया की अत्याधुनिक हथियार अभी भी मुजफ्फरपुर जिला में पहुँच रहा है. 
 
एसएसपी राकेश कुमार ने दिया AK 47 बरामदगी की जानकारी 
बिहार एस०टी०एफ० की स्पेशल टीम एवं मुजफ्फरपुर पुलिस की कार्रवाई में प्रतिबंधित हथियार AK-47 एसालट राईफल के साथ तीन गिरफ्तार। एसएसपी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर बिहार एस०टी०एफ० की स्पेशल टीम एवं जिला पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा कार्रवाई करते हुए मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन के बाहर से प्रतिबंधित हथियार AK-47 एसाल्ट राईफल का बट एवं लेंस के साथ अपराधकर्मी विकाश कुमार पे० स्व० अजय शंकर प्रसाद सा० पोखरैरा थाना जैतपुर जिला मुजफ्फरपुर और सत्यम कुमार पे० रणधीर सिंह सा० अंजानपीर वार्ड नं0-04 थाना नगर जिला वैशाली को विधिवत गिरफ्तार किया गया।  गिरफ्तार दोनों अपराधकर्मियों से AK-47 एसाल्ट राईफल के बट एवं लेंस के संबंध में कड़ाई से पूछ-ताछ किया गया। दोनों अपराधकर्मियों के निशानदेही व स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर जिलांतर्गत फकुली थाना क्षेत्र में छापामारी किया गया। छापामारी के क्रम में मलकौनी रोड स्थित मुड़घटियों के पास पुल के निकट से बिना बट का AK-47 एसाल्ट राईफल के साथ अपराधकर्मी देवमनी राय उर्फ अनीस पे० नंद किशोर राय उर्फ भोला राय सा० मनकौली थाना फकुली जिला मुजफ्फरपुर को गिरफ्तार किया गया। 
इस बरामदगी से ये साफ़ हो गया है की वर्षो पूर्व से मुज़फ़्फ़रपुर के माफिया जिस AK 47 के शौक़ीन थे वह आज भी जिला में दशकों बाद भी आ रहा है  
मुजफ्फरपुर में AK 47 से घटना होती पर बरामदगी नहीं 
मुजफ्फरपुर में AK 47 से घटना घटित होती है उसकी बरामदगी नहीं किया जा सका है पुलिस के द्वारा   … पिस्टल से लूट की घटना होती है और कट्टा बरामद होता है   … उसके ऊपर AK 47,कार्बाइन, अन्य अत्याधुनिक हथियार से भी अपराध हुए हैं लेकिन बरामदगी कभी कभी ही दिखता है   .. अपराधी घटना को अंजाम देने के बाद घटना में उपयोग किया गया वह नहीं बरामद हो सका.
मुजफ्फरपुर में अपराधी के मौत के बाद कहाँ जाता हथियार 
मुजफ्फरपुर में अपराधियों की मौत गैंगवार में होने के बाद उसका हथियार कहाँ और किसके पास रह जाता ये भी एक – एक कर रहस्य बनता जा रहा है,
अशोक सम्राट द्वारा थाना के सामने हत्या का वारदात को अंजाम दिया गया कहाँ गया मृतक का हथियार ?
फाइटर शुक्ला गैंगवार में सरैया वैशाली बॉर्डर पर मारा गया गैंगवार में कहाँ गया उसका AK 47 ?
पश्चिमी क्षेत्र का कुख्यात भुल्लर सकरा थाना क्षेत्र में मारा गया. किसके पास रह गया उसका हथियार ?
हद तो ये है मारे गए अपराधियों का भी AK 47 बरामद करने में नाकाम तो रही है पुलिस उन अपराधकर्मियों का भी हथियार बरामद नहीं कर सकी जो AK 47 का बलास्ट खोल हत्या पर हत्या किया,
अंजनी ठाकुर वर्षों से फरार है उसके पास भी AK 47 है वह हथियार का जिक्र पुलिस खुद FIR में की. वह हथियार पुलिस आज तक बरामद नहीं का सकी. मोनू ठाकुर का ग्लोक पिस्टल कहाँ गया वह भी बरामद नहीं हुआ. वहीं अंजनी और मोनू ठाकुर पुलिस रिकॉर्ड में आज भी फरार है
सकरा
 
रेंट पर उपलब्ध है हथियार 
मुजफ्फरपुर में एक लूट के घटना के बाद गिरफ्त में आए लुटेरों को जिसने हथियार उपलब्ध कराया वह भी रेंट पर ले कर ही उपलब्ध कराया था   …तत्कालीन एसएसपी जयंत कांत के कार्यकाल में ऐसा खुलासा हुआ था, इस खुलासे के बाद एक बार फिर ये साफ़ हो गया है वैसे अपराधी जो सिर्फ लूट पाट या सुपाड़ी किलिंग करते हैं वह भाड़ा के हथियार से ही अपराध के दुनिया में प्रवेश करते हैं और फिर धीरे धीरे खुद के गिरोह को संगठित करने के लिए हथियार की खरीद करते हैं, मुजफ्फरपुर में ताजा मामले में तीन में एक शख्स 20 वर्ष के उम्र से हथियार की तस्करी करता रहा लेकिन स्थानीय पुलिस को भनक तक नहीं लगा  
सूत्रों और पुलिस फाइल की माने तो हथियार भाड़ा पर देने वाले हर हथियार का अलग अलग रेंट तय कर दिया है   .. इन हथियारों में गोली भाड़ा पर कम दिया जाता है और गोली अगर आर्म्स रेंटर ने उपयोग कर लिया तो उसका दोगुनी कीमत चुकाते हैं   … सबसे ज्यादा 7.65 पिस्टल और 3.15 का देशी कट्टा अपराधी यूज कर रहे हैं   .. वहीं  3.8 का रिवाल्वर, 9MM का पिस्टल और कार्बाइन, 30 का पिस्टल बैंक लूट में संगठित गिरोह यूज कर रहा है   … 7.62 गोली उपयोग हो रहा AK 47 बड़ी घटना में यूज अपराधियों द्वारा किया जा रहा है   .. इसमें अधिकांश घटना जो नए गिरोह द्वारा किया जाता है वह रेंट पर लगा कर हथियार गिरोह एक नया आय का रास्ता बना लिया है. ग्लोक पिस्टल की एक बरामदगी जिला में तैनात तत्कालीन इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने जब किया तो उसके बाद भी कई खुलासे हुए थे और उन राज्यों का भी नाम सामने आया था जहाँ से हथियार आ रहे हैं   
सूत्रों की माने तो सभी हथियार का रेट लिस्ट तय है   … दो लाख से 5 हजार तक में अलग अलग आर्म्स उपलब्ध है   … पिस्टल और कट्टा से ले कर AK 47 और कार्बाइन के गोलियों के साथ चल रहे इस धंधे को पुलिस कैसे रोक पाएगी ?
मुजफ्फरपुर में खुलासे के बाद अब पुलिस के लिए बड़ी चुनौती ये है रेंट पर हथियार देने वाले का शिनाख्त करना  … लाजमी है जो रेंट पर हथियार दे रहा है उस गिरोह के पास बड़े पैमाने पर हथियार का जखीरा होगा   … उन हथियारों को बरामद करना भी न सिर्फ मुजफ्फरपुर पुलिस, बिहार के अन्य जिलों के पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. वहीं खबर ये भी है की दूध के कंटेनर में AK 47 ऐसे हथियार को लाया जा रहा है. एक बरामदगी निश्चित ही पुलिस के लिए उपलब्धि है पर सवाल बड़ा है दर्जनों हथियार गए तो कहाँ गए वह कब बरामद होगा    …
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