बिहार में अक्सर अपराधी कोर्ट में जा कर बच जाते हैं. बचने वाले सभी बेगुनाह हीं नहीं होती दोषी भी पुलिस की लापरवाही से बच जाते हैं. AK 47 बरामदगी मामले में मोतिहारी पुलिस ने कोई लापरवाही नहीं किया। पुलिस की निष्पक्ष जांच और लगातार समय पर कोर्ट में उपस्थिति की वजह से अत्याधुनिक हथियार AK 47 बरामदगी मामले में कुख्यात कुणाल सिंह को आजीवन कारावास की सजा कोर्ट ने सुनाया है

कुख्यात कुणाल सिंह को आजीवन कारावास की सजा
मोतिहारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवराज त्रिपाठी के अदालत में सुनवाई के उपरांत AK 47 बरामदगी मामले में दोषी पाते हुए सजा सुनाई है. वही अन्य धाराओं में 42 हजार रुपया का अर्थदंड की सजा मुकर्रर किया गया है. अर्थदंड नहीं देने की परिस्थिति में सजा की अवधि बढ़ जाएगी।
इस मामले में 11 गवाह कोर्ट में सशरीर प्रस्तुत हुए थे. फैसला के निर्णय में कुल 21 आपराधिक मामले कुणाल सिंह के विरुद्ध होने की चर्चा है. पीपरा कोठी में तैनात एसआई मनोज कुमार सिंह के ब्यान पर कांड संख्या 63/23 दर्ज हुआ था.
सजा के बाद कुणाल के दहशत के बीच रहने वाले मोतिहारी पुलिस के सक्रियता पर काफी खुश दिख रहे है
कुणाल का आपराधिक पृष्टभूमि
मोतिहारी के पिपराकोठी थाना क्षेत्र बंगरी निवासी असर्फी सिंह का पुत्र कुणाल सिंह डेढ़ दर्जन कांडो में संलिप्त रहा है. कुणाल सिंह के खिलाफ हत्या, रंगदारी, पुलिस टीम पर हमला सहित स्कूल संचालक से रंगदारी के लिए स्कूल के बाहर फायरिंग ऐसे घटना में आरोपी रहा है. कुणाल सिंह रंगदारी के लिए हत्या, रंगदारी न मिलने पर दहशत फ़ैलाने के लिए फायरिंग की घटना से अक्सर चर्चा में रहा है. कुणाल सिंह अपना एक बड़ा गिरोह स्थापित कर चूका है.

हथियार AK 47 बरामदगी का रेड कैसे हुआ
15 मार्च 2023 को पुलिस को सूचना मिली थी की कुख्यात कुणाल अपने साथियों के साथ एकत्रित हुआ है. एएसपी के नेतृत्व में टीम छापेमारी करने गयी तो कुणाल के साथी भागने में कामयाब रहे लेकिन कुणाल पकड़ा गया था. कुणाल सिंह के पास से 25 गोली लोड AK 47 राइफल, 9 mm का लोडेड पिस्टल दो मैगजीन के साथ, लगभग 20 जिन्दा गोली, मोबाइल फोन और वाकी टॉकी बरामद किया गया था. कुणाल सिंह गिरफ्तार होने के बाद कई खुलासा किया था पुलिस के समक्ष