नीला धुआं का कारोबार दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है, गिरफ्त में आ रहे नवजवान।
इस कारोबार से जुड़े ड्रग्स पैडलर्स के नेटवर्क का अंदाजा इसी से लगया जा सकता है की नेपाल से मोतिहारी और फिर मुजफ्फरपुर होते माया नगरी मुंबई तक सप्लाई करते है ड्रक्स।
पिछले दिनों मोतिहारी पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर हुए कार्रवाई में 80 किलो नशे का खेप बरामद होने के बाद कई खुलासा हुआ, कैसे ये ड्रग्स पैडलर्स उत्तर बिहार के जिलों में सेंटर लेते हुए मुंबई तक कंसाइनमेंट को पहुंचाते हैं. मोतिहारी एसपी के निर्देश पर चले विशेष अभियान के दौरान एक बड़ी उपलब्धि मिली है पिछले दिनों, मोतिहारी एसपी के निर्देश पर पुलिस टीम के द्वारा मादक पदार्थ तस्करी की बड़ी योजना को नाकाम किया गया, 80 किलो चरस के साथ एक किलो गांजा बरामद करते हुए तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस सूत्रों की माने तो ये कंसाइनमेंट नेपाल से आया था और मुंबई सप्लाई करना था

मुजफ्फरपुर में मौत के नशे का अड्डा
मुजफ्फरपुर का मिठनपुरा थाना क्षेत्र में मौत के नीले धुंआ का अड्डा माना जाता है, इस इलाके से बिहार के जिलों सहित मुंबई, दिल्ली पंजाब के साथ विदेशो तक नेटवर्क बना हुआ है. थाना स्तर से कभी बड़े कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है. वर्षों पूर्व तत्कालीन एसपी आर के सिंह और तत्कालीन एएसपी दीपिका सूरी के कार्यकाल में बड़ा ऑपरेशन इन बड़े थोक कारोबारियों के खिलाफ चला था, उस दौरान एक बड़े कारोबारी नेपाल सीमा के बाद पुलिस रडार पर नहीं आए.
बाद के वर्षों में करीब डेढ़ दशक पूर्व भी बड़ी कार्रवाई हुई थी उस दौरान में भी एक बड़ा सप्लायर जिला से बाहर नेपाल की तरफ भागा फिर नजर नहीं आया पुलिस खौफ से.

मिठनपुरा और नगर नहीं दूसरे थाना की पुलिस करती कार्रवाई
मिठनपुरा और नगर थाना क्षेत्र में करोड़ो की डीलिंग स्मैक, चरस को होता रहा है जो आज भी जारी है. तहक़ीक़त ये है की लोकल थाना कभी बड़े कारोबारी को नहीं पकड़ता, 14 वर्ष पूर्व तत्कालीन कोतवाल काजिमोहम्मदपुर के द्वारा नगर थाना क्षेत्र के शुक्ला गली में आधा किलो चरस बरामद किया गया था, इस कार्रवाई में नगर और मिठनपुरा को दूर रखा गया था जिस वजह से सफलता मिली थी ऐसा तत्कालीन पुलिस टीम बताती है.
तीसरा बड़ा अड्डा नगर और मिठनपुरा क्षेत्र के बाद अहियापुर है. यह इलाका कई जिलों से जुड़ता है जिस वजह से ड्रग्स पैडलर लोकल थोक कारोबारी बना रखा है.
शराब मामले में कभी कभी थाना स्तर से कार्रवाई दिख भी जाती है लेकिन बड़े स्मैक और चरस के खिलाफ कार्रवाई थाना स्तर से नहीं दिखता और नवजवान नस्लें बर्बाद हो रही है