मुजफ्फरपुर का शहरी इलाका हो या ग्रामीण क्षेत्र, दिन में दिखता पुलिस का गस्ती, शाम के बाद अँधेरे के साथ गस्ती गाड़िया मूल उद्देश्य से भटक कर, हट कर गस्ती करते दीखते हैं, रविवार देर शाम का दृश्य मिठनपुरा बेला मोड़ का सामने दिखा। एक खाली ट्रक को एक नहीं, तीन – तीन पुलिस गाड़ियां रोक कर जांच कर रही थी. जिसमे एक थाना का गस्ती गाड़ी तो दो 112 नजर आया. आखिर एक चालक एक खलासी खाली ट्रक में ऐसा क्या था की तीन गाड़ियां एक ही स्थान पर रुकी रही.
पश्चिमी क्षेत्र की बात करें तो हाल में हुए स्वर्ण कारोबारी हत्या कांड को भी देर शाम अंजाम दिया गया. सवाल बड़ा है क्या अपराध करने वाले अपराधकर्मी भी बखूबी ये समझ रहे हैं की दिन के बाद रात्रि गस्ती में सुस्ती रहती है.
दूसरी घटना रविवार के देर रात बोचहां थाना के कर्णपुर दक्षिणी निवासी मो नसीर की गरहां थाना के लालपुर सुबुधिया इलाके में अपराध कर्मियों द्वारा गोली मार हत्या कर दिया गया. इस घटना के बाद पुलिस तंत्र पर
बड़ा सवाल ये उठ रहा है की पुलिस को रात में इसकी सुचना तक नहीं मिली।
नसीर हत्याकांड में मौके वारदात पर मिले साक्ष्य कई सवाल खड़ा कर रहा है
मृतक का बाइक नहीं है, हेलमेट मौके पर है
घटना स्थल पर दो खोखा एक साथ बरामद
सवाल बड़ा है क्या कहीं अन्यंत्र हत्या कर शव को ठिकाने लगाया गया
देर रात से सुबह तक पुलिस को घटना की जानकारी तक नहीं मिली

मुजफ्फरपुर में गस्ती गाड़ियों को देखें तो एक एक क्षेत्र में लगातार दो थाना की गाड़ी साथ में दो दो 112 नंबर की गाड़ी नजर आ जाती है, बेला से शेरपुर रोड में अक्सर गरहां थाना की गस्ती गाड़ी दिख जाती है, ऐसे में एक क्षेत्र में इतनी गस्ती गाड़ियों से दूसरा क्षेत्र भगवान् भरोसे ही रहता है. जिसका फायदा अपराधी उठा रहे हैं