इन दिनों उत्तर बिहार का मुज़फ़्फ़रपुर जिला चर्चा में है … स्मैक का कारोबार करोड़ नहीं अरबों में कहा जाए तो फलफूल रहा है …. स्मैक जिला पुलिस के वरीय अधिकारी या फिर पटना टीम के निशानदेही पर बरामद होता है … थाना स्तर पर सिर्फ नाम की चौकसी है
(Report Arun Srivastava)
स्मैक से बना करोड़पति
मुजफ्फरपुर में कल तक ठेला चालक, चाय दुकान चलाने वाले कुछ लोग ऐसे हैं जो बन गया करोड़पति, स्मैक का मुख्य केंद्र काहीमोम्मदपुर, नगर, मिठनपुरा, बेला, अहियापुर, और ब्रह्मपुरा है जहाँ करोड़ों में स्मैक की डीलिंग होती है, मिठनपुरा इलाके में करीब एक दर्जन स्मैक के कारोबारी है जो किलो में इस धंधे को संचालित कर रहा है, अक्सर छोटे कारोबारी पकड़ में आते तब हैं जब अधिकारीयों के तरफ से थाना स्तर पर टास्क दिया जाता है. तंगहकिक़त ये है इस टास्क के बावजूद बड़े कारोबारी पुलिस पकड़ से बाहर होते हैं. ऐसे में बड़ा सवाल उठता है की आखिर थाना स्तर पर ये लापरवाही क्यों और कैसे ? फिलहाल जो हालत नजर आ रहे हैं आने वाले दिनों में सुशासन पर बट्टा लगना तय है.

बड़े कारोबारी पकड़ से बाहर
मुजफ्फरपुर में अक्सर स्मैक बरामद होता है ऐसी ख़बरें देखने को मिलती है … लेकिन बड़ा बरामदगी नहीं दिखी …. न ही बड़े कारोबारी गिरफ्त में आए … इस धंधे पर करोड़ की कमाई करने वाले पुलिस पकड़ से बाहर हैं …इलाके में जो धंधा जम गया है, जड़ से नहीं उखड़ पाया पुलिस से … ऐसे में बिहार के युवाओं को ये ड्रग्स पैडलर अपनी चपेट में ले रहे हैं … इन युवाओं से अपराध तो कराए जा रहे हैं या खुद नशे के आदि अपराध करते ही हैं …. एक बड़े साजिश के तहत विदेश में बैठे ड्रग्स पैडलर के आका कभी भी बड़े विध्वंशक अपराध तक कारित करा सकते हैं इससे इंकार नहीं किया जा सकता है

पाकिस्तान से जुड़ा तार
ड्रग्स पैडलर्स का जब सर्वे किया तो कई चौकाने वाले खुलासों के बीच ये साफ़ हो गया की ड्रग्स तस्करों का पसंदीदा जगह बनता जा रहा है बिहार और खास कर मुजफ्फरपुर ….. भारत पहुंचने वाला अधिकतर ड्रग्स पाकिस्तान से पहुंचता है या अन्य ड्रग्स नेपाल के रास्ते पहुंच रहा है ….विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली की पंजाब,दिल्ली और गुजरात में एनडीपीएस धाराओं में जेल में बंद 872 ड्रग्स पैडलर ने माना है कि अधिकांश ड्रग्स पाकिस्तान और अफगानी मुल्क से आता है …. इस धंधे से जुड़े मिठनपुरा इलाके के चर्चित गुप्ता जी और अहियापुर के शर्मा जी पुलिस पकड़ में नहीं आते … मिठनपुरा थाना क्षेत्र को, दो दशक पूर्व से इस क्षेत्र के बड़े कारोबारी ने अपना सेफ जो बना रखा है …. वहीं इसी क्षेत्र के कारोबारी ने अपना पैर मुशहरी, पियर, सकरा, गायघाट, कुढ़नी, मीनापुर तक बढ़ा लिया है … जिससे ग्रामीण इलाके में युवक इसके चपेट में आते चले जाते हैं …. हद तो ये है सभी का नाम इलाके के गणमान्य लोगों के साथ स्थानीय स्तर पर पुलिस पदाधिकारी को भी पता है … लेकिन पुलिस नहीं पहुंची इसके सिंडिकेट तक … मुशहरी थाना के कुछ कदमो की दुरी पर शाम ढलते या दिन में कुछ युवक अपने धंधे को अंजाम देते है … उनके सामने से पुलिस गस्ती गाड़ी गुजर जाती है, वही हाल नगर, काजीमोहम्मदपुर और मिठनपुरा क्षेत्र में भी है.
पुलिस समय रहते इस नीले धुंए पर लगाम नहीं लगाई तो आने वाले दिनों में उड़ता पंजाब के तर्ज पर मुजफ्फरपुर भी उड़ता नजर आएगा और इस नीले धुनें के चपेट में रहने वाले युवाओं की संख्या में बढ़ोतरी को नहीं रोका जा सकता