मुजफ्फरपुर के मुशहरी थाना क्षेत्र के नरौली में विकाश को मारी गयी थी गोली, विकाश के परिजन के द्वारा गोलीकांड मामले में मुशहरी थाना आवेदन देकर कार्रवाई की मांग करते हुए आवेदन दिया गया. पुलिस विकाश गोली कांड में 307/34_27 आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज कर आगे के कार्रवाई में जुट गयी है, गोलीकांड के बाद एक बार फिर दोस्ती शब्द को कलंकित करने वाला मामला आया सामने। हद तो ये है विकाश तिवारी के पक्ष में बात करने वाले चर्चा कर रहे हैं छिना झपटी में गोली चल गयी, तो बड़ा सवाल है गोली छिना झपटी में चली तो विकाश तिवारी ने अपने दोस्त विकाश को अस्पताल क्यों नहीं पहुँचाया ?

विकाश को विकाश ने ही मारी गोली !
बड़ा दिलचस्प मामला है विकाश गोलीकांड, विकाश कुमार पिता शम्भू ठाकुर दरधा निवासी का मित्र है. विकाश तिवारी पिता राम बाबू कुवंर, विकाश तिवारी की बहन की शादी थी, शादी में शामिल होने विकाश कुमार पहुंचा हुआ था, घटना के एक दिन पूर्व मड़वा का रस्म था, इस दिन भी विकाश तिवारी के द्वारा अपने हथियार का प्रदर्शन किया गया था, स्थानीय सूत्र बताते हैं कि विकाश तिवारी नशे का आदि था और शराब के नशे में एक दिन पूर्व भी पिस्टल चमकाते नजर आया था, घटना के दिन विकाश तिवारी का दोस्त विकाश कुमार भी मड़वा सजावट सहित अन्य कार्य में जुटा हुआ था, इसी दौरान 04:54 के आस पास विकाश तिवारी के घर से फायरिंग की आवाज आयी, ग्रामीण स्तर पर ये बातें आग की तरह गाँव में फ़ैल गयी की “कुंवर जी के घरे विकाशवा बड़का कांड कर देलकइ” तंग हक़ीक़त ये रहा की ग्रामीण अपने बच्चों को जाने से रोकने लगे और कुछ तो भेजे भी, तो ये कहते हुए की “जो चुमावन कर के चल आइयेहए – खाए ल न रुकिए बड़का जुल्म हो गेल हई ओकरा इहाँ”

“क्या था मामला” 22 फ़रवरी को दोस्त बना दुष्ट – अस्पताल तक नहीं पहुँचाया
दोस्त कैसे बना दुश्मन? दोस्ती को क्यों किया कलंकित? गोली से घायल विकाश को तड़पता छोड़ दिया सड़क पर, दो दिनों से टल्ली था विकाश तिवारी, ऐसे कई सवालों के बीच ग्रामीण इन दिनों आपस में चर्चा जरूर कर रहे हैं लेकिन पुलिस के आवागमन के बीच वीरानी के साथ लोग हो जा रहे हैं खामोश। घटना के दिन बुधवार की शाम गोली मारकर गंभीर रुप से घायल को बुधनगरा से ऑटो से लौट रही आशा ने सड़क किनारे खून से लथपथ पड़े युवक विकाश कुमार को देखकर मानवता के नाते मुशहरी पीएचसी में भर्ती करवाया। एक महिला ने मानवता दिखाया लेकिन विकाश का दोस्त विकाश तिवारी मृत समझ सड़क पर ठिकाने लगा दिया

घायल विकाश अस्पताल में – आरोपी विकाश तिवारी कैसे हुआ फरार ?
घायल विकाश का इलाज माँ जानकी अस्पताल में चल रहा है, एक स्टेज के सफल ऑपरेशन डॉक्टर गौरव वर्मा के द्वारा किया गया, एक दो दिन में एक और ऑपरेशन होना है, वर्तमान में विकाश जिंदगी और मौत के बीच जिंदगी के लिए जंग लड़ रहा है
वहीं बात करें विकाश तिवारी की तो घटना के बाद विकाश तिवारी ने विकाश के अन्य एक साथी को कॉल कर गोली लगने का सूचना दिया लेकिन खुद घायल विकाश को अस्पताल तक नहीं ले गया, हद तो ये है घायल के PHC में जब आशा ने पहुँचाया तो सूचना पर ग्रामीण चौकीदार जब कुंवर के घर पहुंचे तो विकाश तिवारी अपने आवास पर मौजूद था. लेकिन जैसे उसे एहशाह हुआ की पुलिस आ रही है तो गाँव में छुपा और फिर ग्रामीण इलाका छोड़ फरार हो गया परोसी थाना क्षेत्र इलाके में, विकाश तिवारी ने अपने मोबाइल को बंद कर लिया पुलिस ट्रेस से बचने के लिए,
पुलिस अब विकाश की गिरफ़्तारी कब तक करती है इसका इंतजार घायल विकाश कुमार के परिजन को है