पटना में संटी दीक्षित हत्याकांड में कदमकुआं थानाध्यक्ष के नेतृत्व ताबड़तोड़ दबिश के बाद खाकी के खौफ़ का असर दिखाई दिया और मुख्य अभियुक्त ने अपने सहयोगी सहअभियुक्त संग कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया
राजधानी पटना के कदमकुआं इलाके के थाना अध्यक्ष इंस्पेक्टर विमलेंदु की गिनती महकमे में तेजतर्रार पदाधिकारियों में होती रही है, अपराध व अपराधियों के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने वाले इस पदाधिकारी ने संटी दीक्षित हत्या मामले में को एक चैलेंज की तरह लेते हुए न केवल लगातार दबिश और छापेमारी की रणनीति अपनाई रखी बल्कि अपने नेटवर्क के जरिए अपराधियों की टोह में भी लगे रहे है।

दबाव की रणनीति का असर पड़ा और संटी दीक्षित हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त गोविंद सहनी उर्फ बबलू और कांड में सहअभियुक्त राहुल बंगाली ने पुलिसिया दबिश और लगातार छापेमारी से डर कर कोर्ट में सरेंडर कर दिया
कोर्ट में सरेंडर करने वाले दोनों अभियुक्त हत्याकांड के CCTV फुटेज में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे थे जो पुलिस के लिए अहम साक्ष्य बना. पुलिस अब अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है

In CCTV कैद था संटी हत्याकांड का चलचित्र साक्ष्य
पटना पुलिस के पास मौजूद CCTV फुटेज में हत्या कैसे, कब, कहाँ और कितने अपराधियों ने अंजाम दिया साफ साफ न केवल दिखाई दे रहा था, बल्कि इस क्रूरतम हत्या में संटी को कितनी गोलियां दागी गई और शरीर मे कहा मारी गई बिल्कुल स्पष्ट दिखाई दे रहा था, थानाध्यक्ष और पटना पुलिस टीम के लिए ये साक्ष्य काफी था हत्या कांड को अंजाम देने वाले शूटर को चिन्हित करने के लिए. हत्याकांड के बाद जिस तरह गोविन्द और अन्य अपराधकर्मी भूमिगत हुए थे उससे ये साफ़ था कि हत्याकांड को अंजाम पुरे प्लानिंग के साथ दिया गया है लेकिन शातिर अपराधियों पर पुलिस की दबिश हावी हुआ और आत्मसमर्पण को मजबूर हुआ गोविन्द
पटना पुलिस के पास मौजूद CCTV फुटेज में हत्या कैसे, कब, कहाँ और कितने अपराधियों ने अंजाम दिया साफ साफ न केवल दिखाई दे रहा था, बल्कि इस क्रूरतम हत्या में संटी को कितनी गोलियां दागी गई और शरीर मे कहा मारी गई बिल्कुल स्पष्ट दिखाई दे रहा था, थानाध्यक्ष और पटना पुलिस टीम के लिए ये साक्ष्य काफी था हत्या कांड को अंजाम देने वाले शूटर को चिन्हित करने के लिए. हत्याकांड के बाद जिस तरह गोविन्द और अन्य अपराधकर्मी भूमिगत हुए थे उससे ये साफ़ था कि हत्याकांड को अंजाम पुरे प्लानिंग के साथ दिया गया है लेकिन शातिर अपराधियों पर पुलिस की दबिश हावी हुआ और आत्मसमर्पण को मजबूर हुआ गोविन्द