Muzaffarpur विभा ही नहीं कई सरकारी कर्मियों ने अवैध संपत्ति से लिया जिला में जमीन

pmbnewsweb
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आर्थिक अपराध इकाई बिहार द्वारा शिक्षा विभाग की उप निदेशक विभा कुमारी के ठिकानों पर जो छापामारी किया गया तो ये जानकारी सामने आई कि मुजफ्फरपुर के मुशहरी  इलाके में तीन प्लॉट उनके और उनके करीबी के नाम है  … निश्चित ही आय से अधिक संपत्ति से विभा ने अपने आश्रित पति को भी मालदार बना दिया और न सिर्फ ट्रेवल एजेंसी के संचालक बन गए पति अशोक कुमार शर्मा कई भूखंड के मालिक भी बन गए  … आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा सत्यापन के क्रम में यह भी पाया गया है कि सरकारी सेवा में आने के पूर्व विभा कुमारी एवं इनके पति को पैतृक सम्पत्ति के अतिरिक्त अन्य कोई उल्लेखनीय सम्पत्ति नहीं थी और न ही  विभा कुमारी को सरकारी वेतन के अतिरिक्त आय का अन्य साधन है  …
विभा सिर्फ नहीं कई सरकारी कर्मी का मुजफ्फरपुर में निवेश 
आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा जांच के दौरान ये बातें सामने आयी है कि मुजफ्फरपुर में मुशहरी में तीन भूखंड हैं .. विभा जांच में पकड़ी गयी हैं कि मुजफ्फरपुर में प्लॉट उनका अवैध कमाई से अर्जित कर लीं हैं  … तंग हक़ीक़त ये है ऐसे कई सरकारी अधिकारी और पदाधिकारी के साथ सरकारी कर्मी हैं जिनका भूखंड और भवन खुद या फिर कहें रिश्तेदार के नाम से मुजफ्फरपुर के कई इलाकों में है  … मुशहरी में कई पुलिस पदाधिकारी ने अपना निवेश किया तो कई नाम मीनापुर क्षेत्र में भी सामने आए हैं … कुछ ऐसे पदाधिकारी भी हैं जो आर्थिक अपराध इकाई और निगरानी से बचने के लिए अपने ससुराल के बने बनाए मकान को अपने अवैध कमाई से आलीशान बना डाले हैं
भूमि कारोबार और अन्य कारोबार में निवेश
खबर ये भी है निगरानी और आर्थिक अपराध इकाई हो या फिर स्पेशल विजिलेंस यूनिट, इन एजेंसियों से बचने के लिए अब सरकारी कर्मी भूमि कारोबार में भू माफियाओं के माध्यम से अवैध कमाई की बड़ी राशि निवेश कर रहे हैं  … कुछ व्यवसायियों के बीच भी इन्वेस्टमेंट की चर्चा है  ….
ADG EOU,SVU नैयर हसनैन खान ने कहा कि पद का भ्रष्ट दुरूपयोग कर स्वयं तथा अपने परिजनों के नाम से अकूत परिसम्पत्तियाँ अर्जित करने वाले सरकारी कर्मियों के खिलाफ शिकायत आने के बाद कार्रवाई शुरू होती है  .. सत्यापनोपरांत सूचना सही पाये जाने पर सम्बंधित सरकारी कर्मी के विरूद्ध तय संगत धाराओं में कांड अंकित करते हुए माननीय न्यायालय से तलाशी अधिपत्र प्राप्त कर तलाशी ली जाती है   … अनुसंधान के बाद आगे कार्रवाई होती है  … किसी भी सरकारी कर्मी के बारे में भ्रष्ट दुरुपयोग की जानकारी सीधे सम्बंधित एजेंसी को आम नागरिक दे सकते हैं
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