“बोली की गोली” इर्द गिर्द वाले कर देते IPS को बदनाम – बिहार में खुद को समझते इर्द गिर्द वाले आईपीएस

pmbnewsweb
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“बोली के गोली” में व्यंग्य के रूप में ले कर आए हैं सिर्फ स्टार वाले आईपीएस का सच  … स्टार के साथ ही खुद को आईपीएस समझते हैं बड़ा हाकिम के इर्द गिर्द वाले कुछ लोग  ..
बिहार में हाल में हुए दो आईपीएस के निलंबन के बाद ये  तय है कई लोगों के द्वारा ही ऐसे पद पर बैठे अधिकारी को भ्रमित कर अपनी रोटी सेकते हुए कर देते हैं बदनाम  … दो आईपीएस पर अलग अलग कारण से कार्रवाई दिखी  … एक के इर्द गिर्द सिविलियन ऐसा था जो आईपीएस फोबिया से ग्रस्ति था   … जी हाँ सही पकड़े हैं अभिषेक अग्रवाल  .. ये  अभिषेक एक नहीं दो नहीं दर्जनों अधिकारी के पारिवारिक मित्र बन खुद की रोटी सेकते आ रहा था  … खुद को एक आईपीएस की तरह गंभीर दिखा कर गंभीरता के साथ अपना बगली भरता रहता था
दूसरे आईपीएस के ऊपर जो कार्रवाई हुई उसमे आय से अधिक सम्पत्ति का मामला जब सामने आया जिसमे साफ़ था कि न सिर्फ एसपी उनके रीडर से कर कई थानेदार इसमें संलिप्त थे  .. हद तो ये है एक कोतवाल के ठिकाने से 9 लाख 70 हजार 500 रुपया बरामद हुआ  .. इस टाइप के जो कोतवाल को होते  हैं वह खुद को बड़ा साहब यानी एसएसपी/ एसपी के करीब समझते है  .. करीब रह कर खुद भी कई ऐसा खेल करते हैं जिसमे नाम जिला के कप्तान का होता है कि बड़ा साहब को देना है  .. बिहार में शराब  मामले में भी जो रकम सेटिंग के तहत उठता है उसमे भी बड़ा साहब का नाम ले कर ही वसूली होती है  . हद तो ये कुछ जिले में ऐसे पुलिस कप्तान हैं जो प्रशिक्षण के दौरान अगर किसी कोतवाल के साथ काम किए है तो वह कोतवाल अपने कप्तान का नाम ले कर बोलते हैं वह तो मेरा चेला है  .. इस तरह अपनी बोली में दम दिखा चंद महीनो में करोड़ तक की कमाई कर लेते होंगे  .. जब SVU टीम ने एक चहेते कोतवाल जो खुद को आईपीएस समझ रहे थे उनके ठिकाने से  9 लाख 70 हजार 500 रुपया बरामद किया तो ऐसे और भी कई जिलों में ऐसे आईपीएस दरोगा और इंस्पेक्टर मौजूद हैं, जिनके हवा बाजी में बदनामी के आंधी में अफवाहों में उड़ने लगते जिला के कप्तान   ..
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