​मुजफ्फरपुर काजी मोहम्मदपुर थाना से 6 आरोपी में से एक आरोपी फरार ‘फिर क्या ? “पिटारा”​

pmbnewsweb
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आज ‘अनसुनी कहानी’ के “पिटारा” में ले कर आए हैं आरोपी के फरारी के बाद कैसे पुलिस ने पूरा दिया आंकड़ा 
काजी मोहम्मदपुर थाना मुजफ्फरपुर का चर्चित थाना माना जाता रहा है सदियों से  … इस थाना में कभी पेट्रोल बम से हमला हुआ है तो कई वर्दी वाले इस थाना के जेल गए हैं  … अक्सर चर्चा में रहने वाला ये थाना क्षेत्र ऐसा है जहाँ शिक्षा का बड़ा मंदिर है  … वहीं अपराध का भी पाठशाला इस क्षेत्र में रहा है  … आज के कई डॉन इसी इलाके के डॉन के ट्रेनिंग सेंटर में आज खुद के डॉन बन गए  … लेकिन जो डॉन के ट्रेनिंग सेंटर में लोगों ने अपराध का ककहरा पढ़ा उस डॉन की कुर्सी पाने में कई नाकाम रहे तो एक साथ दो लोग की युगल जोड़ी ने कारपोरेट स्टाइल में अपने सिंडिकेट को खड़ा किया  .. आज भी इस इलाके में कई डॉन हैं जो अपने अपने स्तर से अलग अलग कार्य क्षेत्र में लगे हुए हैं
काजी मोहम्मदपुर थाना में एक घटना बड़ा अजीबोगरीब हुआ था करीब 13 वर्ष पूर्व  …
पंखा टोली इलाके में आपसी झंझट में मारपीट की घटना घटित हुई थी   .. मारपीट के दौरान कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ था फिर भी एक पक्ष द्वारा थाना से ले कर तत्कालीन एसपी को सूचना दे दिया गया था  … पुलिस टीम गयी और एक पक्ष के 6 आरोपी को हिरासत में ले कर थाना लाया गया  … थाना में दूसरा पक्ष भी पहुंचा हुआ था  … आरोपी पक्ष के 6 जो आरोपी थे वह चौकी पर बैठे थे उनके दर्जनों शुभचिंतक कैम्पस में थे  … इसी बीच तत्कालीन कोतवाल जो डीएसपी हो रिटायर हुए चाय लाने के लिए एक को भेजा  … उन्हें ध्यान नहीं था जिसे बोले वह शुभचिंतक नहीं आरोपी है   … चाय लाने गया शख्स वापस आया चाय का आर्डर दे कर  … इसी बीच एक दूसरे शख्स ने उसी शख्स को फिर भेजा चाय के बाद के सामान के लिए  .. वह गया शख्स और चाय वाले से भिजवा दिया लेकिन खुद फरार हो गया
आंकड़ा पुराने के लिए पुलिस को भी कुछ हट के खेलवा करना होता है भाई 
इसी बीच स्थानीय जनप्रतिनिधि के पहल पर दोनों पक्ष में समझौता हो गया  … समझौता के बाद पुलिस के नियमानुसार पीआर बॉन्ड की प्रक्रिया शुरू हुआ  … तो पता चला 6 में से एक गायब है  … कोतवाल गुस्से से लाल हो गए ****कहाँ भाग गया हम तो साहब को भी बोल दिए हैं 6 लोग थाना आया है  …. तत्कालीन साहब भी बेहद कम बोलने वाले और कोमल हृदय थे इस वजह से ज्यादा टेंशन नहीं था   .. फरार शख्स को जिसने भेजा था उसने एक राय दिया कोतवाल को इनके शुभचिंतक जो हैं उनमे से एक का पीआर बना दिया जाए  … कई लोग तैयार नहीं हुए लेकिन एक साथ दो भाई जो पकड़ कर आया था उसका चाचा तैयार हो गया फिर क्या 6 लोगों का पीआर बना और मामला ख़त्म  …. ऐसे ऐसे खेल होते रहते हैं जब आंकड़ा पुराने के लिए पुलिस को भी कुछ हट के खेलवा करना होता है भाई
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