बिहार के सिवान में शराब पकड़ने के दौरान एक ASI ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए … लेकिन दुर्भाग्य है सिस्टम का ASI के शहीद पर सिस्टम के नजर में लापरवाही से मौत बताया जाएगा … दुर्भाग्य सिस्टम का नहीं आज के दौर में पुलिस की नौकरी करने वाले पुलिस वाले का दुर्भाग्य है कि उनकी मौत के बाद भी सिस्टम सिर्फ सख्ती दिखाती है … हाल ये है जैसे किसी को पिस्टल की नोक पर भगाया जाए और बोला जाए रुके तो मार देंगे गोली .. पापी पेट का सवाल है तो जाएं तो कहां जाएं अब पुलिस वाले …

सिवान के हुसैनगंज थाना क्षेत्र टिकरी थाना क्षेत्र में शराब पकड़ें जाने के लिए पुलिस टीम तैनात थी … सूचना पर पहुंची पुलिस टीम ने जैसे ही एक कार को रोकने का प्रयास किया तो शराब कारोबारी ने अपनी गाड़ी पुलिस वाले को रौंदते हुए भागने लगे … ASI सुरेंद्र गहलोत को कुछ दूर तक गाड़ी के साथ खींचते हुए शराब कारोबारी ले गए इसी दौरान गाड़ी पलट गयी … गाड़ी पलटने के बाद शराब कारोबारी फरार हो गए …. चौकीदार बाबूधन की माने तो इस दौरान गाड़ी में बैठे थे अन्य पुलिस कर्मी … मौत की खबर के बाद सिवान पुलिस में हड़कंप मच गया .. मौके पर थानाध्यक्ष रामबालक यादव पहुंचे तब तब तक ग्रामीणों ने शराब लूट लिया था ..

शहीद ASI सुरेंद्र को सदर अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों में मृत घोषित कर दिया … मृतक ASI के शव का पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा … बिहार में बहार है शराबबंदी के नाम पर पुलिस वाले बन रहे हैं बलि के बकरा …. न उन्हें शहीद का दर्जा मिलेगा, न हीं विभागीय लाभ के अतिरिक्त शराबबंदी लागू करने के दौरान मौत पर कोई लाभ … हाँ ASI के गस्ती के दौरान अगर शराब निकल जाता तो बर्खास्त और सस्पेंड जरूर कर दिया जाता शराब बंदी क़ानून के तहत