​पूर्व IPL चीफ ललित मोदी का पूर्व कर्मी गिरफ्तार – मुजफ्फरपुर में कैसे बना धन्ना सेठ “इनसाइड स्टोरी”

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मुजफ्फरपुर में मिठनपुरा थाना क्षेत्र से धन्ना सेठ हुआ गिरफ्तार  … धन्ना सेठ वह नाम है जो बिहार में शराब बंदी के बाद चर्चित हुआ  … धन्ना सेठ मुख्य रूप से बबुआ डॉन सिंडिकेट से जुड़ा था हाल में ये अपने शराब नेटवर्क को मिठनपुरा क्षेत्र के कुछ बड़े कारोबारी के साथ साझा कर संचालित किया था  …
कौन है धन्ना सेठ ? कौन है बबुआ ?
बबुआ को बबुआ डॉन एक थाना के थानेदार ने बना दिया  … जी हाँ ये वह सच है जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे  … बबुआ और उसके साथ जुड़े युवक छोटे अपराध की घटना को करता था  … मुजफ्फरपुर वैशाली और समस्तीपुर इलाके में कुछ थाना में नाम आया जिसमे बाइक छिनतई और राहजनी के मामले दर्ज हुए  … इसी बीच एक कोतवाल बनाए गए  … कोतवाल जहाँ रहे विवाद में रहे  .. उन्होंने बबुआ को अपना मुखबिर बना लिया   … मुखबिर बनने के बाद कोतवाल के बच्चे के जन्मदिन में बढ़ चढ़ कर बबुआ ने आयोजन किया  … थाना के पीछे थानेदार के आवास पर सर्वे सर्वा रहा   … इसके बड़े एक पारिवारिक सम्बन्ध बन गया फिर क्या बबुआ बना डॉन और फिर शराब के  धंधे में बिहार में बड़ा नाम हो गया  … इसका सहयोगी रहा राकेश महतो उर्फ़ धन्ना सेठ   ..
राकेश कैसे बना धन्ना सेठ 
बबुआ डॉन का शागिर्द अपराध की दुनिया में कदम रखने से पूर्व दिल्ली में आईपीएल के पूर्व चीफ ललित मोदी के यहां कोई कार्य कार्य करता था राकेश महतो  … वर्ष  2005 की बात है   … आईपीएल के विवाद में ललित मोदी के घर आयकर विभाग की छापेमारी हुई थी   …इस दौरान बोरे में रुपये लेकर वह ठिकाने लगाने निकला लेकिन दिल्ली से सीधे मुजफ्फरपुर अपने घर आया था , दौलत की गर्मी में उसने 2006 के पंचायत चुनाव में मुरौल जिला परिषद सदस्य पद पर अपना किस्मत आजमाया लेकिन किरण देवी से पराजित हो गया था   … इसके बाद एक चाय नाश्ते की दुकान सकरा में संचालित करने लगा इसके साथ थाना का  दलाली और अपराधियों के सम्पर्क में आते  चला गया   …  दिल्ली से लौटने के बाद राकेश महतो का नाम धन्ना सेठ हो गया   …
अच्छी पैठ शराब मामले में इस सिंडिकेट का 
बबुआ डॉन और धन्ना सेठ की आवाज ऐसी है हर कोई उसे कोई अफसर ही समझ ले  … इस सिंडिकेट की पैठ कई थाना में है   … इसी सिंडिकेट से जुड़े लोग शहर के एक थाना और जिला से आठ किलोमीटर के दुरी पर एक थाना क्षेत्र में बड़े आराम से अपने शराब के खेप को स्टॉक करता है  … शहरी क्षेत्र में इस गिरोह ने अत्याधुनिक स्टाइल में रहता है जिसके सामने से थाना और अधिकारी की गाड़ियां गुजरती है लेकिन नेटवर्क ऐसा की वह सब के नजर से बचता है   … अब देखना दिलचस्प है धन्ना सेठ और उसका साथी के गिरफ़्तारी के बाद पुलिस को क्या और जानकारी मिलती है  … 
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