बिहार में बहार बा थानेदारी सब के चाहि लेकिन कंट्रोल पावर न बा … उत्तर बिहार के एक जिला में हो गयी दो हत्या, ये हत्या कोई अपराधी नहीं आपसी विवाद में हुए हत्या के बाद हकलाती आवाज ये बताने के लिए काफी है कि इलाके को कोतवाल के छुट्टी में जाने के बाद बने प्रभारी कोतवाल की कार्यक्षमता क्या है ?

प्रभारी में प्रभार में रहने वाले बड़का थाना में कोतवाल बनने की सपना भी दखते हैं .. संभव है बन भी जाएं लेकिन बड़ा सवाल बा अइसन अइसन लोग जब प्रभारी बन जाए तो इलाके में अपराध मुक्त होना तो दूर सीएम साहब के शराबबंदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर भी ग्रहण लग जाई … दरसल हो गया ई कि इलाके में आपसी विवाद के बाद जब बहुते देर के बाद कॉल कइल गईल तो प्रभारी साहब हक़लाबे लगलन ….. हाँ ‘ के” हाँ’ के” के बीच प्रभारी कोतवाल … बिहार में बहार बा अइसन कोतवाल सुशासन पर बट्टा लगाबे खातिर बइठल बिया