गुस्ताखी माफ़ बुरा न मानो होली है ‘अब लीं खुल गइल होलिया में पोल राजा जी

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अक्सर होली में व्यंग्य राजनीतिक होती है लेकिन हम ले कर आए हैं उनको समर्पित जो हमारी आप के सुरक्षा के लिए अपने भरे पुरे परिवार को छोड़ मुस्तैद रहते हैं   … तो शुरू करते हैं गुस्ताखी माफ़ 
लम्बू दादा  …
होली के रंग में नवाबों के शहर के लाल जनता के सुरक्षा के लिए निकल लिए सिविल गाड़ी से लावलश्कर दूर  …. जनाबे अली की क्या पूछे जनाब कॉकटेल हैं   … ना ना उसके नहीं  …  अपने नेचर के कॉकटेल हैं कड़क और भावुक  … लम्बू दादा के रहते तमाम दादाओं की हवा निकल गयी और वह अकेला दादा कानून के रक्षा में लगे रहे   … इन्हे रात में भी नींद नहीं आती  … रात हो या दिन कहीं प्रकट हो जाते हैं   … लेकिन डरते हैं बहुत  … डर एक से ही लगता है चेहरे पर खौफ भी लगता है    … बुरा न मानो होली है   .. अपराधी के दिल में खौफ पैदा करने वाले कहीं तो डरते हैं   … .
चोर के खौफ से घर छोर के पलायन 
देखन में खामोश लगे काम करें गंभीर, एक  जनाब ऐसे जो बड़े बड़े कांड का अनुसंधान करे पर एक भी खुलासा में अपनी कामयाबी का बखान न करें, अपराध नियंत्रण में बेहतर अफसर ‘निजी आवास में लगातार चोरी से घर छोड़ सरकारी आवास का किए रुख
टेस्ट मैच के फील्डर का खौफ 
जिला में जनाब दरोगा रहे, इंस्पेक्टर बन जिला में आ कर बड़ा रेड मारे मानो 5 दिन का टेस्ट क्रिकेट मैच, दरोगा रहते लोखंडवाला में रहे चर्चित,डीएसपी बन आए तो उहे खौफ से शांतिपूर्ण अपराध मुक्त रखे एरिया,बड़ी बड़ी घटना में कूद जाते खुद,ऐसे जनाब बड़ा साहब के पहुंचने पर खुश होते,हिम्मत और उत्साहवर्धक होते हैं उनके नजर में लम्बू दादा  ….. गुस्ताखी माफ़
मस्त डायलॉग वाले छोटे साहब 
कोतवाल से ऊपर एक थे जनाब देखे में छोटे, बड़े कार्यकाल को नगर क्षेत्र में निभाया, सड़क जाम पर भीड़ पर मस्त डायलॉग,कितने आदमी हो,बुलाएं अभी तुमसे ज्यादा यूनिवर्सिटी के लड़के हमारे पीछे होंगे,फिलहाल मिथलांचल की भूमि पर हैं
दया से दया नायक की भूमिका  … 
एक हैं अदृश्य दया , जो एक इशारे पर दरवाजा तो दूर कुछ भी तोड़ देंगे,अपराध मुक्त पर विशेष फोकस,जब एक जगह कोतवाल मध्य रात्रि में बनाए गए तो क्षेत्र के साहब से ले कर बड़ा साहब तक मौजूद थे,फिर जिला के दया का हुआ डीओ, उस कोतवाली के बाद VIP इलाके में कोतवाल बने, अपराध के खिलाफ बेहतर आदर्शपूर्ण कार्यकाल जारी है  … दया दया नायक से कम नहीं हैं   …
गोल्ड सोना
एक गोल्ड यानी सोना चांदी 24 कैरेट वाले सोना  … स्वर्ण आभूषण अपराध मुक्त के लिए शोभा बने है   … इन्हे कही नहीं देखा जा सकता लेकिन अपराध डिटेक्टर में रहते   .. लक्ष्मी की कृपा भी बरसती है   …
एक थे फूक बाबा
शराब बंदी के बाद जिला के नगर थाना क्षेत्र का कमान में थे,हाथ मे मशीन लगवाते फूंक, खूबी जबरदस्त कोतवाल के साथ चलता था ब्रीफकेस, बड़ी घटनाओं में प्रथम FSL जांच खुद कर लेते थे  … ऐसी रिक्सा चलाने में भी रहे माहिर  …
न होगा एक एफआईआर में माहिर 
एक दरोगा जी वैशाली से मुजफ्फरपुर आए विभाग से सम्मान लेने, जिला भाया आ धमके इंस्पेक्टर बन जिला में, मिला वह थाना जहां घुंघरुओं की आवाज और अपराधी का सरकारी ससुराल, एक भाषा मे थे PHED कैले, लेकिन वह भाषा रिकार्ड में ही न था, गजबे भाषा वाले अंदाज में बेदाग खुद अपना ट्रांसफर करा लें लिए अब सर्किल का प्रभार
ॐ ॐ 
देखन में छोटू साइज लेकिन कागज में माहिर, दिल के भावुक,न जाती न धर्म का भेदभाव, साहबो के नजदीकी,  कागज के ऐसे कीड़ा जिनका जोड़ा नहीं,अच्छे कार्यकाल को निभाते हुए आदर्श से सर्किल का सफर में चल रहे है//////
कोना कोनी कौन कोना ?
दोमुंहा सांप में जय जय हुआ, खुद को जिला के कप्तान से कम न समझे धौंस के साथ एक कोना में  जय जय रहे,दूसरे कोना का मिला प्रभार,24 घंटे में फिर जयजय हुए, जहां रहे चर्चित रहे लेकिन प्रतिष्टित लोगों में प्रतिष्ठा न बना सके बेचारे, जयजय पर ही विशेष नजर,ट्रक उतरे,जानवर उतरे, भूमि के खेल हो ,न बाबा न हम तो जयजय में रहेंगे  …. अभी 66 फूलों के माला के साथ होली में जय जय
जहाँ जाते ट्रक के साथ बढ़ता कारखाना 
वाह भाई वाह इतो हदे कर दिए,आर्केस्ट्रा में मौत लिया ठीका लेकिन ठीका न कर सके पूर्ण वहां से हटे लगाया जुगाड़ एक नही अब दूसरे जगह जय जय  … क्षेत्र में औधोगिक कार्य प्रगति पर  …
बखानी बाबा  … गुस्से से लाल होते मुगले आजम की तरह
एक जनाब तो इतना बखान किए हम ने AK 47 मुठभेड़ में पकड़ा, जिससे बखान किए उसके क्लास साथी के पास से ही बरामद हुआ था, जनाबेअली को ये नहीं पता था,दरसल वह एक दुर्घटना के बाद हुआ था बरामद,एक मौत भी हुई थी,लेकिन मुजफ्फरपुर में जब हवा लगता है तो हवा देने से भला क्यों बाज आए
मास्टर साहब बने कोतवाल
ईगो माटर साहेब कोतवाल बने तो उन्हें यहाँ भी चेला चीनी बन अपना रैकेट चलाने में कामयाब रहा   … चेला की जानकारी प्रधान शिक्षक तक पहुंचा उन्होंने ने क्लास लगाया लेकिन प्रभाव नहीं दिखा   … मास्टर साहब तो दूसरी नौकरी पा लिए उनका कुछो न बिगड़ेगा   … लेकिन चेला की नौकरी गयी तो वह मास्टर के लायक भी नहीं रहेंगे   … ससुराल ऊपर में निवास होगा ऊपर से  ….
थाना से ओपी फिर थाना मस्त चाल बा हो   … 
चूड़ा आम का शौकीन जनाब थाना से थाना गए फिर मिला आशीर्वाद डिमोशन हो ओपी गए फिर थाना मिला तो भूल गए सिस्टचार   … बोली में ऐसा बदलाव जो बोली उन्हें पान खिलाया था वही बोली अब आगे कहाँ ले जाएगा ये तो आने वाले रंग में दिखने लगेगा   ..
हाफ पैंट में शुरू रफ़्तार नहीं हुआ कम 
एक ऐसे हैं जो बचपन में बल्ला पकड़ हाफ पेंट में जब दौरता तो कभी कभी पेंट घिसक जाता   … अब विभाग में भी दौड़ते नजर आते हैं   … जनाब का नेटवर्क तो बढ़िया हैं लेकिन घर में नेटवर्क डाउन हो जाता है   … इसलिए अपने डीपी के बैक ग्राउंड में अपने नेटवर्क सप्लायर की तस्वीर लगा लेते हैं  …. देखने में ननकी   … काम करे बड़की बड़की  …
नक्सल क्षेत्र में कोई दलाल नहीं कोई ख़ुफ़िया नहीं फिर भी शांति  … 
इहो तो गजब के आदमी है  … करते हैं कोतवाली लेकिन कोई ख़ुफ़िया नहीं कोई ब्रोकर नहीं   … काम से काम राम सलाम बस  … अपराधी के पकड़े जब बयान लिए तो कई न हो आधा दर्जन पूर्व के कई हुए बेनकाब   … फिर भी ललना न खोले कोई दूसरा ललना के राज   ..
आँख बंद 
आँख बंद कर इलाके में बने करोड़पति  .. बना लिया रिस्तेदारी   … जो साथ दिए वह भी थे पहले पहले उनको ये राज बा की नोट बदले  … अब दोनों मिल कर अलग अलग क्षेत्र में हम हूँ लूटी तुहु लूटा लुटे के आजादी बा  …
गुस्ताखी माफ़ बुरा न मानो होली है
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