‘बोली की गोली’ होली में करोड़ो की शराब डीलिंग “आओ मिलो आओ मिलो”

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‘बोली की गोली’ व्यंग्य में उस मौसमी बीमारियों की चर्चा ले कर आए हैं जो राज्य में बहुत से मौसमी रोने भी हैं  … जी हाँ रोना इसलिए ऊपर सभी सख्त है किसी मसले पर तो नीचे कुछ लोग इस मुहीम को बीमार बना रहे है   …  …. इस देश का हिंदी व्यंग्यकार जितना प्रो-एक्टिव है उतना अगर सरकार और बाकी संस्थाएं भी हो जाएं तो सारी समस्या हल हो जाये    ….
बिहार के एक जिला में गजबे का खेल हो रहा है  … आप जान कर हैरान हो जाएंगे  … जिस शराबबंदी को कारगर बनाने  के लिए मधनिषेध में सचिव स्तर के अधिकारी लगे है   … प्रमंडल स्तर पर पुलिस विभाग के ADG स्तर के अधिकारी लगे हैं  …. जिला स्तर पर एसएसपी खुद छापेमारी का मॉनिटरिंग करते हैं वैसे एक जिला में थाना में तैनात ALTF से जुड़े वर्दी वाले या फिर थाना स्तर के वर्दी वालों के नाक के निचे होली के लिए शराब का आयात के साथ बड़े आराम से इलाके में शराब की बिक्री हो रही है   …. जिला ALTF के हेड जाते हैं कारोबारी को पकड़ने तो उस लाल पिले भवन के पीछे से कारोबारी फरार हो जाता है   … हालांकि उक्त कारोबारी को ALTF प्रभारी ने गोपनीय रखते हुए उसके घर से बाद में गिरफ्तार करने में कामयाबी पाया था  … लेकिन सवाल बड़ा है आखिर उसे पुलिस टीम के आने की सूचना किसके द्वारा मिल गयी   ..
शिक्षक के रूप में कभी कलम के सिपाही रहे आज कोतवाल बने है   … गुरु जी के कार्य पर इलाके में सवाल उठने लगे है   … गुरु जी भले नए हैं लेकिन लेकिन उनके शिष्यों के द्वारा हीलाहवाली कई सवाल खड़े कर रहे हैं   …. गुरु जी के थाना से कुछ कदम की दूरी पर दूसरे थाना क्षेत्र से एक टीपर में शराब की बरामदगी जिला उत्पाद विभाग ने किया  … “आओ आओ मिलो  … आओ आओ मिलो” ये कोई जुमला नहीं है  … खबर है इन्ही लफ्जों से कई कारोबारी अपराधियों के ससुराल वाले भवन के रोड में अति व्यस्त इलाके में मिलते हैं   …. जिला स्तर पर सिर्फ इन सभी का मोबाइल से कॉल डिटेल सामने आ जाए तो कई CM नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट शराबबंदी को ठेंगा दिखाने में बेनकाब हो जाएंगे   … ऐसे थाना से ओपी फिर थाना का सफर करने वाले जिला में बैठे त्रिनेत्रधारी से बचे नहीं हैं   … ऐसे लोग बेनकाब हो चुके हैं   … त्रिनेत्रधारी खुद तकनीक के मास्टर हैं   … सॉफ्टवेयर से वह सब देख लेते हैं   …वही ठहरे एक गुरु जी तो दूसरे सेल्फ कॉन्फिडेंस वाले द्रव्य से दूर रहने वाले जो अपनी टीम पर अब ज्यादा कॉन्फिडेंस रखते है  जिसका फायदा उठ रहा है   ….  अब देखना दिलचस्प है होली ऐसे समय में हो रहे स्टॉक के संरक्षण देने वाले पर कब कार्रवाई होती है
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