मुजफ्फरपुर एसबीआई SBI बैंक कर्मी दम्पत्ति के आवास पर चोरी की घटना …. चोरी के घटना को अंजाम देने आए अपराधी बिलकुल बेख़ौफ़ थे … लाजमी है जब इलाके में गस्ती की गाड़ी पुलिस की नहीं दिखे तो चोर तो हो हीं जाएंगे बेख़ौफ़ …. मिठनपुरा थाना क्षेत्र में हुए इस घटना के बाद ये तो साफ़ है मिठनपुरा थाना इलाके के आर के पुरम इलाके में महीने में अगर लगातार घटना हो रही है तो इलाके में गस्ती के नाम पर मस्ती है चोरों के लिए …. बेला इलाके में मिठनपुरा थाना क्षेत्र में दिन में 4 से 6 युवक सफाई कराने के नाम पर घूमते हुए रेकी करते हैं …. जिस घर में ताला बंद मिला उस घर को रात्रि में बनाते हैं टारगेट और फिर कर देते हैं संपत्ति की सफाई ….
चोरी की घटना को कैसे अपराधी अंजाम देने आए और फिर वापस हो लिए देखें लाइव तस्वीर ….
मुज़फ़्फ़रपुर में चोर हुए हाईटेक देखें live
https://youtu.be/W2QpgRaZ5i8
मुजफ्फरपुर में चोरी की घटना तो आए दिन होते रहता है शायद ही कोई दिन ऐसा हो जब चोरी की घटना किसी न किसी थाना क्षेत्र में न हो …. जिला के मिठनपुरा थाना क्षेत्र में लगातार चोरी की घटना घटित हो रही है … मिठनपुरा थाना क्षेत्र में कुछ इलाका ऐसा है जहाँ गस्ती सिर्फ मेन रोड से बैंक टाइम में दिखती है …

रात में सिर्फ मिठनपुरा चौक, हाथी चौक, पानी टंकी चौक या फिर लेप्रोसी मिशन के करीब दिखेगी … मिठनपुरा थाना में तीन गाड़ियां हैं … एक कोतवाल इंस्पेक्टर के लिए रिजर्व तो दूसरी जीप और एक बोलेरो गस्ती के लिए … लेकिन दो गस्ती गाड़ियों के रहते भी गस्ती में मस्ती हो जाती है … इसके पीछे के तंग हक़ीक़त को जानेंगे तो आप हैरान हो जाएंगे …

मिठनपुरा थाना के क्षेत्रफल को देखें तो लम्बा – चौड़ा है लेकिन आप जान कर हैरान हो जाएंगे इस थाना में तीन गाड़ियों में अलग अलग जो ईंधन मिलता है वह नाकाफी है …. युवा कोतवाल जो होते हैं उसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था तो कर लेते हैं … लेकिन वृद्धा अवस्था के तरफ बढ़ते कोतवाल प्रमोशन के डर से वैकल्पिक व्यवस्था से ईंधन नहीं ऊपर करते जिस वजह से इलाके में गस्ती कम दिखती है …….और अपराध चोरी की घटना पर लगाम नहीं लगता …. मिठनपुरा थाना के तीन गाड़ियों में किसी में 110 लीटर तो जीप में 200 लीटर और एक गाड़ी में करीब 150 लीटर डीजल प्रति महीना आवंटन है … यह आवंटन तब है जब बिहार के मुख्यमंत्री दावा करते हैं बिहार में पुलिस विभाग को हम ने अत्याधुनिक बना दिया …. थाना में मिलने वाले ईंधन से ही मुख्यमंत्री के दावे की सच्चाई का पोल खुल जाता है ….

पुलिस के गस्ती में मस्ती इस लिए गस्ती पार्टी को होता है कि डीजल ही कम है तो जाएं कहाँ – कहाँ … गस्ती समाप्ति के समय थाना के करीब गस्ती गाड़ी लग जाती है और पीआईआर को खैरियत और लोकेशन दे दिया जाता है …. चौक चौराहों पर भी यही हाल है …. चौक पर गाड़ी रुकी चाय की चुस्की और फिर मस्ती में वापस …. रात्रि गस्ती में ड्राइवर जागते हैं … सड़क पर टहलते हैं उसका कुछ फायदा भी हो जाता है पदाधिकारी गाड़ी के अंदर कुछ पुलिस कर्मी निंद्रा में तो कुछ मोबाइल पर या सड़क पर कुछ और तो हो ही जाता है …सड़क से गुजरने के दौरान एक टॉर्च भी नहीं जलाया जाता गलियों में … टॉर्च के लाइट से भी चोरी की घटना को अंजाम देने वाले में खौफ आएगा लेकिन अब न थाना में टॉर्च है और न ही कोतवाल किसी गस्ती पार्टी को टॉर्च आवंटन करते हैं … दावे और वादों के बीच पुलिस विभाग अपने बेदम व्यवस्था पर आंसू बहा रहा है और जनता चोरी की घटना का शिकार हो रही है ….