बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब कारोबारी अपने मंसूबे में कामयाब हो रहे हैं …. हद तो ये है कि कई बड़े कारोबारी पुलिस के पकड़ से बाहर हैं … आखिर ऐसा क्या है जो ये तस्कर पुलिस के पकड़ में नहीं आते हैं …. कई सवाल है जो पुलिस पर उठेंगे … लाजमी है मीनापुर थाना क्षेत्र का सुबोध कुमार का एक बड़ा सिंडिकेट था लेकिन कई वर्षों से पुलिस उसे नहीं पकड़ रही थी …. आखिर क्यों ऐसे कारोबारी पर कार्रवाई नहीं होती ? …. हद तो ये है बड़े कारोबारी अपने को बचाने के लिए कई उपाय करते हैं … खुद को सफेदपोश दिखाने के लिए कोई होटल तो कोई मॉल तक खोल लेते हैं तो कोई किसी पार्टी के नेता बन जाते हैं …. पहुँच अपना बना कई शराब कारोबारी उल्टा पुलिस पर कार्रवाई भी करा देते हैं उसके बाद शराब सिंडिकेट में उनकी तूती बोलती है …
स्प्रिट माफिया में एक बड़ा नाम इन दिनों मिथुन का चल रहा है …. पुलिस सूत्रों की माने तो इसका कई सफ़ेद कारोबार बंगाल में स्थापित कर बिहार में स्प्रिट का कारोबार चला रहा है … मिथुन की तस्वीर होने के बावजूद इसकी गिरफ़्तारी नहीं हो सकी है … वहीँ बात करें मुजफ्फरपुर पुलिस की तो मिथुन के पांच शागिर्द को पूर्व में गिरफ्तार किया था … हाल में सुबोध कुमार गिरफ्तार हुआ …. जो मिथुन का राइट हैंड बताया जा रहा है उसकी भी गिरफ्तारी हुई है …. अहियापुर इलाके में मधनिषेध विभाग द्वारा कई अवैध शराब फैक्ट्री का खुलासा किया गया … इन्ही फैक्ट्री कारोबारियों के सम्पर्क करने के दौरान सुबोध कुमार की गिरफ़्तारी हुई … इसके बाद शिवहर सीतामढ़ी साथ मुजफ्फरपुर के मीनापुर और जिला के अन्य इलाके में शराब के लिए आ रहे स्प्रिट पर ब्रेक लगा दिख रहा है लेकिन अभी भी सुबोध के सिंडिकेट के कई लोग बाहर है जो पुलिस के लिए चुनौती है ….