बिहार में पंचायत चुनाव के घोषणा के साथ शराब कारोबारियों ने बड़ा खेप मंगवाना शुरू कर दिया था … सूत्रों की मानें तो हर प्रखंड इलाके में कई ट्रक शराब को स्टोरेज कर रखा गया … विधानसभा चुनाव के दौरान भी पुलिस के लाख चौकसी के बाद भी शराब का खेप आया और वितरण भी हुआ … इस दौरान शराब कारोबारी काफी उत्साहित रहे … हद तो ये रहा कि एक उम्मीदवार तो नाव से अपने वोट बैंक वाले इलाके में शराब का खेप पहुंचा दिया .. इस तर्ज पर पंचायत चुनाव में भी बड़े खेप की सूचना लगातार आ रही है ….
बात मुज़फ़्फ़रपुर की करें तो पिछले दिनों एक थाना का चौकीदार शराब पी कर हंगामा करते रहा …. जिसको हिरासत में लेने के लिए दो थाना की पुलिस पहुंची और करीब 500 लोगों के भीड़ से गिरफ्तार कर जेल भेजा …. दूसरा मामला शहर के सटे थाना का है मुशहरी थाना … इस इलाके में बड़े पैमाने पर शराब का खेप पहुँचने की सूचना है …. थाना का चौकीदार महेश पासवान का पुत्र शराब के नशे में पकड़ा जाता है ग्रामीण द्वारा ….. ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा थाना को जब सूचना दिया गया तो थाना से जो जवाब मिला वह शराब बंदी पर ही सवाल खड़ा करता है ….. थाना से जवाब था “पिता की जगह उसके पुत्र का चौकीदार में होने वाला है … अगर जेल चला गया तो नौकरी नहीं मिलेगी … इस दुर्भाग्यपूर्ण जवाब के बाद जिला में बैठे वरीय अधिकारी आईजी और एसएसपी तक के संज्ञान में जब मामला पहुंचा तो पुलिस जो चौकीदार पुत्र को बचाने में लगी थी वही कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार की …
सूत्रों की माने तो ग्रामीण इलाके में ग्रामीण पुलिस यानी चौकीदार और दफादार सभी के जानकारी में अभी शराब का खेल चल रहा है …. स्थानीय पंचायत चुनाव के वजह से हर क्षेत्र में दो खेमा या तीन खेमा बट गया है … जिस भी उम्मीदवार के समर्थन में शराब का खेप मंगवाने वाले हैं उनके समर्थन में अगर चौकीदार है तो वह निशाना बन रहा है …… मुशहरी इलाके में पहुंचे शराब के एक बड़े खेप की जिम्मेदारी चौकीदार पुत्र के कंधे पर थी … अभी नौकरी नहीं भी था तो भी हाफ चौकीदार बना था चौकीदार पुत्र … चौकीदार का पैंट और बेल्ट …. यूँ कहें तो नीचे से फीट फाट ऊपर से मोकामा घाट और अंदर में जाम की खुमारी …. इस सिन्डिकेट पर पुलिस जिला स्तर से कार्रवाई करे तो पांचो बेनकाब होंगे जो चौकीदार के पुत्र के संरक्षण में थे ..
इस चुनाव में एक और खामी सामने आयी है … चुनाव आयोग के निर्देश पर हर चुनाव से पूर्व वैसे दागी और विवादित कोतवाल सहित … समय अवधि पूर्ण कर चुके लोगों को थाना से हटाया जाता है … लेकिन मुजफ्फरपुर में कुछ एक ऐसे थानेदार थाना में पंचायत चुनाव में चुनाव कराने में लगे हैं जिनका जनम जनम का रिश्ता कोतवाल काल में कोतवाली में बन गया है … ऐसे में लाजमी है कि पंचायत चुनाव के दौरान उनके कर्तव्य पर हावी रहेगा रिश्तेदारी और फिर अपने रिश्तेदार को खुश रखने के लिए वह अपने रिश्तेदारों से समर्थित उम्मीदवारों के साथ है यह आरोप लगाया जा रहा है … और नतीजा भी कुछ हद तक यही सामने है कि परदे के पीछे रिश्तेदारी का साथ दिया जा रहा है … सवाल बड़ा है हर चुनाव से पूर्व इसकी समीक्षा होती है तो जिला में ऐसे कोतवाल कैसे नजर में नहीं आए
एसएसपी जयंत कांत ने बताया मुजफ्फरपुर में शराब के खिलाफ कार्रवाई चल रही है … अगर थाना स्तर पर लापरवाही है तो आम लोग हमारे नंबर पर सीधे सूचना दें मेरे नंबर 9431822982 पर … सूचना देने वाले का नाम पूर्णतः गुप्त रखा जाएगा … मुशहरी चौकीदार पुत्र मामले में एसएसपी ने कहा मुझे जैसे सूचना साक्ष्य (वीडियो) के साथ मिली कार्रवाई सामने है … चौकीदार हो या उसका पुत्र या फिर कोई भी किसी भी स्तर का होगा शराब मामले में जो सूचना आएगी कार्रवाई सामने होगी … पंचायत चुनाव के दिन हो या उससे पूर्व या आफ्टर पोल शांति व्यवस्था कोई भी बिगाड़ेगा उसपर कार्रवाई होगी ….