ये बिहार पुलिस है भाई ! ASI ने 307 के अभियुक्त को थाना से छोड़ा – मल्टिपल इंजुरी नॉन एसआर कांड में बड़ा खेल

pmbnewsweb
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बिहार पुलिस में हर दिन एक नया कारनामा सामने आता रहता है   .. ये कोई पहली घटना नहीं है  ….  हर बार एक नया कारनामे की कहानी सामने आती रहती है   ….. अगस्त 18 तारीख के थाना में आवेदन आता है एक महिला और उसकी बेटी के साथ मारपीट का   … मारपीट भी ऐसा सर और हाथ में स्टीच चिकित्सक द्वारा दिया गया   … आवेदन के साथ पीड़ित महिला भी थाना पहुंची  …. मामला कानूनी रूप से देखें तो मल्टीपल इंजुरी का था  …. थाना में कांड 20 तारीख तक अंकित नहीं किया गया   ….. पीड़िता के परिजन वरीय अधिकारी तक मामले में व्हाट्सएप के माध्यम से गुहार लगाए   …. बात मीडिया में आयी तो एसएसपी और आईजी तक मामला पहुंचा   …

थाना से पीड़ित पक्ष को एक फोन जाता है  .. जिसमे कहा जाता है लीजिए डीएसपी साहब से बात करें  … डीएसपी फोन लाइन पर आते हैं वह शालीनता के साथ आवेदन कब दिए और क्या मामला है पूछते हैं   … इसके बाद कांड के अनुसंधानक  थाना से फोन करते हैं  … गवाही दीजिए नहीं तो हम लिख कर भेज देंगे   …. गवाही नहीं दिया   …. आरोपी तीन गिरफ्तार थे लेकिन आवेदन के साथ पूरक डायरी में आरोपी पर अग्रतर कार्रवाई की जगह केस के आइओ धमकाते हैं लिख कर भेज देंगे कोई गवाही नहीं दिया   …. दर्ज कांड का पूरी कहानी आवेदन में फिर गवाही ? … आखिर क्या आइओ को एक दिन में चार्जशीट दायर करना था  … या खुद सुपरविजन करना था   … रिपोर्ट टू तो ASI नहीं निकलते कारण कांड  नॉन एसआर था  …..  कई सवाल खड़े हो रहे है   ….

पीड़िता के परिजन बताते हैं   ….. मध्य रात्रि में तीन अभियुक्त को गिरफ्तार किया जाता है रात गुजरा दिन भर खेल चलता रहा थाना में  … केश के आइओ अपने स्तर से क्या खेल खेले ये समझा जा सकता है   … शाम होते अभियुक्तों को बा इज्जत छोड़ दिया जाता है   …. कांड के अनुसंधानक एएसआई है तो सवाल ये उठता है  …. अगर कांड एसआर था या नॉन एसआर दोनों में कांड के अनुसंधानक को ये पवार है ? कि मल्टीपल इंजुरी में मुजफ्फरपुर के सकरा थाना में दर्ज एफआईआर कांड संख्या 418/21 धारा 341/323/324/307/504/506/34 IPC के अभियुक्त जो छोड़ दिया जाए   … इस बीच चर्चा ये भी है कि थाना में ट्रेनी डीएसपी होने के कारण थाना में पूर्व से पदस्थापित लोग अपना खेल खेलते हैं और न तो ट्रेनी डीएसपी तक बात पहुंच पाती है और न ही पब्लिक ये समझ पाती है की अंदर खाने थाना में खेल जो चल रहा है उसमे डीएसपी तक बात शायद नहीं पहुंची होगी   … ऐसे चर्चा बड़ा है कि इस मामले में बड़ा खेल हुआ दिन भर उसके बाद शाम में छोड़ दिया गया   ….

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