मुजफ्फरपुर में अपराधी और अपराध के बीच पुलिस की कई कहानियां है … अनसुनी कहानी ‘पिटारा’ से ले कर आए है कुछ वर्ष पूर्व की एक कहानी … जिला का मिठनपुरा थाना क्षेत्र और मुसहरी थाना क्षेत्र AK 47 वाले एक अपराधकर्मी को ले कर चर्चा में आया था …. परिवारिक सम्मान के लिए पिस्टल छोड़ AK 47 उठा लिया शख्स एक थाना के सामने पिस्टल से फायरिंग कर निकल गया … फिर उसी थाना क्षेत्र में एक हत्या को अंजाम सिर्फ आन बान में कर दिया कोई दुश्मनी नहीं फिर भी खोल दिया AK 47 से ब्लास्ट … इसके बाद दूसरे थाना क्षेत्र में अहले सुबह ब्लास्ट फायर AK 47 का खोल दूसरी हत्या की घटना को अंजाम दे दिया …
दोनों थाना के कोतवाल के पकड़ से बाहर था अपराधकर्मी … पुलिस उसे खोजते रही और लाल गमछा में AK 47 एक पुरानी CD 100 बाइक से वह घूमता रहा … खर्च बढ़ा चेला चेंगरा बढ़ गया तो रुपया की जरूरत हुआ … उसके लिए प्यार से रंगदारी के रूप में रुपया की वसूली भी होने लगी … इसी बीच एक दिन शुक्ला रोड के एक गली से निकला लाल मारुति ऑल्टो से … रेड लाइट चौराहे पर टाइगर मोबाइल का जवान मंदिर रोड से निकला आमना सामना हुआ … टाइगर मोबाइल का जवान खुद को कोतवाल से कम पवार नहीं रखता था .. उसने पीछा किया …. तिनपोखरिया से आगे बढ़ते कार में से AK 47 का नाल दाहिनी खिड़की से बाहर निकला और देख जवान बाइक से धरफरा कर उलट गया … अपराधकर्मी हो गए फरार … हालांकि हाल के दिन ही नहीं, वर्षो में वह अपराधकर्मी जिला में नहीं दिखा … नहीं क्यों दिख रहा है इस सवाल के जवाब में पुलिस और पब्लिक खामोश है …