मुजफ्फरपुर आम तौर पर जब कोई कार्रवाई वरीय अधिकारी स्तर से होती है तो खबरें आती हैं ‘खबर का असर’ …. लेकिन ये खबर का असर नहीं ये असर है जिला में बैठे वरीय अधिकारियों के कर्मठता का …
जिन्होंने थाना कैम्पस में रुपया वसूली वीडियो मामले में संज्ञान में लिया और अब कार्रवाई सामने आ गया … पहली बार ऐसा है ये वीडियो वायरल नहीं हुआ … ये वीडियो के रिकार्डिंग से अंत तक पल पल की रिपोर्ट वरीय अधिकारियों तक जाती रही मीडिया के माध्यम से फिर भी नहीं चेते घुस लेने वाले और फिर कार्रवाई सामने आ गयी ..
आईजी गणेश कुमार, एसएसपी जयंत कांत और नगर डीएसपी रामनरेश पासवान ने पुरे मामले की जांच अपने अपने स्तर से किया … इसी बीच मिठनपुरा थाना के एसएचओ भागीरथ प्रसाद जो छुट्टी पर गए थे वह वापस आए और फिर उन्होंने ने जांच के दायरा में अपना रिपोर्ट वरीय अधिकारीयों को समर्पित किया ..जांच रिपोर्ट जाने के बाद भी दोनों दोषी दरोगा अपने बचाव में अपने स्तर से मामले को दबाने के लिए एक शख्स से मिले लेकिन वहां सफल नहीं हुए … गलती पर गलती होती जा रही थी और हर वीडियो वरीय अधिकारी तक वीडियो पहुंच रहा था …..
मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा थाना के एक दरोगा घुस की तय राशि 20 हजार का अग्रिम राशि 14 हजार 300 लेते कैमरा में कैद हुआ … ..हद तो तब हुई जब दरोगा जी वीडियो डिलीट करने का जो वीडियो कॉल किए उसका भी वीडियो सामने आ गया …. इस मामले में दो दरोगा के बीच बात के बाद हुई थी वसूली ..
बुधवार का पूरा मामला है … बुधवार को शाम तक जब वीडियो PMB न्यूज़ पर सामने आया तो दरोगा ने जिस से रुपया लिया था उसे फ़ोन किया … फोन टैपिंग से बचने के लिए वीडियो कॉल किया उसका भी वीडियो रिकॉर्ड हो गया .. दूसरा वीडियो भी गुरुवार को थाना अध्यक्ष से ले कर वरीय अधिकारियों तक पहुंच गया ..ऐसे में वरीय अधिकारी के स्तर से कार्रवाई के बाद ये साफ़ हो गया कि ऐसे मामलों में वरीय अधिकारी नजर अंदाज नहीं करेंगे .. दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी और जो बेहतर कार्य करेंगे वह सम्मानित होंगे ..