मुजफ्फरपुर के सदर थाना में कभी मुखबिर के नाम से प्रचलित और पुलिस सहयोग में चर्चित नाम रहा है सुरेंद्र राय का … सुरेंद्र राय तब पुलिस के शिकंजे में आया था जब तत्कालीन एसएसपी विवेक कुमार को मिली गुप्त सूचना पर तत्कालीन नगर डीएसपी आशीष आनंद ने बर्थडे पार्टी के दौरान गिरफ्तार किया था … इस दौरान आधा दर्जन से ऊपर लोग गिरफ्तार हुए थे … इस गिरफ़्तारी के दौरान शराब और भाड़ी मात्रा में हथियार गोली बरामद किया गया था …. खास बात ये था की बरेटा का पिस्टल की बरामदगी की गई थी पुलिस द्वारा ….
सदर थाना में किसी जमाने में मुखबिर के रूप में प्रचलित था सुरेंद्र राय … लेकिन वक़्त के साथ कई कोतवाल अपने दबाव में रखते थे लेकिन बाद के दिनों में सुरेंद्र ही कोतवाल को अपने हिसाब से रखता है … सुरेंद्र राय के बारे में जानकारी मिल रहे है देर रात उसकी गिरफ्तारी हुई है … सुरेंद्र राय की गिरफ्तारी के बाद वह मामला ताजा हो गया जिस मामले में सदर थाना के एक और केएमपी के एक एसएचओ नप गए थे … यह मामला शराब से जुड़ा था …. दोनों की मिलीभगत थी या नहीं लेकिन दोनों की बदनामी के साथ कार्रवाई हुई …
पुलिस विभाग में ये विडम्बना है … दो वर्दी वाले के खिलाफ जिस वजह से जिस शख्स के वजह से कार्रवाई हुई …. उसी सुरेंद्र राय को कई लोगों का संरक्षण प्राप्त है …. सुरेंद्र राय की गिरफ्तारी के वक़त क्या बरामद हुआ इसकी जानकारी तो सामने नहीं आयी है …. चर्चा है सूत्रों के हवाले से उसके पास से दो मोबाइल जो बरामद हुआ है सिर्फ उसकी जांच हो जाए तो सदर थाना में पदस्थापित पूर्व के तीन कोतवाल का कई कॉल डिटेल सामने आ सकता है …. आईपी नेट कोड की जांच हो तो पूर्व के तीन थानेदार जिनको कार्रवाई कर थाना से हटाया गया था उन लोगों का अभी भी सम्पर्क सामने आ जाएगा … ऐसे में अब दिलचस्प है की क्या दो कोतवाल को जिस सुरेंद्र के वजह से कार्रवाई से जूझना पड़ रहा है उसी सुरेंद्र के मामले में अन्य जो मिलीभगत वाले हैं उन पर तफ्तीश होगी …ऐसे मामला पुलिस विभाग का ही है तो क्या कार्रवाई और संरक्षक बेनकाब होंगे और जांच होगी ये देखना दिलचस्प होगा …