मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में बंद सजायाफ्ता महिला बंदी ने आरोप लगाया था कि उसके पति की मौत जेल के अंदर लापरवाही के वजह से हुई .. इस मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग के रजिस्टार सह रिटायर्ड जज शैलेंद्र कुमार सिंह ने गवाही कलमबंद किया … हालांकि सूत्रों की मानें तो राज्य मानवाधिकार आयोग को किये आवेदन के संबंध में महिला बंदी ने इंकार किया है. हद तो तब हो गई जब महिला बंदी ने शिकायत कब की गई इसकी जानकारी नहीं होने की बात कही .. दूसरी तरफ चूँकि शिकायत की गयी है इस वजह से उस शिकायत के आलोक में जांच शुरू हो गयी है, जाँच के दौरान महिला बंदी, जेल अधीक्षक और अन्य जेल कर्मियों का भी स्टेटमेंट लिया गया
राज्य मानवाधिकार आयोग के रजिस्टार सह रिटायर्ड जज शैलेंद्र कुमार सिंह – देखें वीडियो
राज्य मानवाधिकार आयोग के रजिस्टार सह रिटायर्ड जज शैलेंद्र कुमार सिंह ने महिला बंदी के बारे में जानकारी दिया कि दहेज प्रताड़ना के मामले में सकरा थाना क्षेत्र का एक ही परिवार के युवक और उसके माता पिता दोषी पाए गए जिन्हे 10 साल की सजा मुकर्रर हुई थी … सजा मामले में हाईकोर्ट में अपील किया गया था लेकिन लोअर कोर्ट के फैसला को सही ठहराते हुए महिला बंदी के अपील को खारिज किया जा चुका है

क्या था जेल के अंदर मौत का मामला
कोविड काल में राम अवधेश तिवारी(71) को समस्तीपुर और गया सेंट्रल जेल महिला गायत्री देवी स्थानांतरित किया गया था …. उसी दौरान सेन्ट्रल जेल गया में कोरोना पीड़ित होने के बाद इलाज के दौरान अवधेश तिवारी की मौत हो गयी थी … जब पति की मौत हुई थी उस दौरान समस्तीपुर जेल में ही बंद गायत्री देवी .. समस्तीपुर जेल अधीक्षक के माध्यम से एक शिकायत मानवाधिकार आयोग में किया गया था. आरोप सीधे गया सेंट्रल जेल अधीक्षक पर लगा था की जेल प्रशासन के लापरवाही से इलाज कराने से मौत हुई है …
राज्य मानवाधिकार आयोग के रजिस्टार सह रिटायर्ड जज शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि शिकायत के आलोक में जांच की जा रही है … जांच रिपोर्ट आयोग को सौंप दिया जाएगा