बिहार में शराबबंदी के दौरान मुजफ्फरपुर में रिकार्ड गिरफ़्तारी हुई … गिरफ़्तारी हरेक जिले में होती है लेकिन मुजफ्फरपुर में पिछले 27 महीने में कारोबारी के साथ बड़े बड़े माफिया गिरफ्तार किए गए है … इसमें कई सफेदपोश तो कई बाहुबली भी गिरफ्तार किए गए है … बात की जाए जिला ऐंटी लिकर टास्क फ़ोर्स कि तो यह जिला के कप्तान एसएसपी के नेतृत्व में कार्य करता है … जिला ALTF को एसएसपी को ही रिपोर्ट करना होता है और निर्देशन भी वही से प्राप्त होता है …. जिले एएलटीएफ प्रभारी शुजाउद्दीन के टीम द्वारा ऐसे ही एक शराब माफिया मुकेश को गिरफ्तार किया गया है … मुकेश एक बड़े सिंडिकेट के साथ कार्य कर रहा था लेकिन अब वह खुद एक सिंडिकेट बना लिया था

मुजफ्फरपुर के मोतीपुर थाना क्षेत्र के चकचुहर निवासी मुकेश भोला राय और सीताराम राय के साथ मिल कर बड़ा कारोबार कर रहा था … शराब स्प्रिट के कारोबार में तीनो साथ काम कर रहे थे …इसी दौरान विजय, मिथुन और सुबोध कुशवाहा सिंडिकेट से स्प्रिट का खेप आया छत्तरपुर इलाके से जिसके रुपया के बटवारे को ले कर मुकेश का भोला राय और सीताराम राय से अनबन हो गया उसके बाद मुकेश स्वतंत्र रूप से अपना सिंडिकेट बना कार्य करने लगा … मुकेश बिहार के अरवल, गया, पटना रानीतालाब, छत्तरपुर, पलामू इलाके में एक बड़ा सिंडिकेट खड़ा कर स्प्रिट और शराब का कारोबार चला रहा था … मुजफ्फरपुर पुलिस के द्वारा चल रही सख्ती से बचने के लिए ये दूसरे जिले में अपना ठिकाना बना लिया था …

एसएसपी जयंत कांत के द्वारा बनाए गए शराब सिंडिकेट के लिस्ट में मुकेश आया और फिर जिला ALTF प्रभारी के नेतृत्व में मानवीय सूचना के साथ तकनिकी सहायता से ALTF प्रभारी शुजाउद्दीन के राडार पर मुकेश आया और फिर उसको नाटकीय अंदाज में टीम ने घेराबंदी आकर उठा लिया … मुकेश बचने के लिए कई तरह से प्रयास किया लेकिन अब वह पुलिस गिरफ्त में आ चूका हुआ है …