मुजफ्फरपुर में होली के दौरान एमएलसी चुनाव के बीच बोचहां विधान सभा चुनाव की घोषणा के साथ दिखने लगा रंगों के बीच सियासत … बोचहां विधानसभा के चुनावी दंगल के बीच अघोषित मगर संभावित उम्मीदवारों के यहाँ होली से पूर्व होली मिलन समारोह में देखा अजब गजब रंग … रंगों के बीच एक पति पत्नी रहे चर्चा के केंद्र … ये कोई और नहीं एमएलसी उम्मीदवार दिनेश सिंह और उनकी पत्नी विणा देवी वैशाली की सांसद ….

बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रमई राम बोचहां का नेतृत्व करते रहे हैं … सरस्वती मंदिर की स्थापना भी उन्होंने किया … तो बेबी भी अपने विधायकी काल में अपने यहाँ सरस्वती पूजा करती रही …होली ऐसे मौके पर भी अमर पासवान ने होली मिलन समारोह का आयोजन किया तो इधर बेबी ने भी होली मिलन का समारोह कर दिया … बात बोचहां विधानसभा क्षेत्र से संभावित उम्मीदवारों की गोटी सेट करना टिकट दावेदारी की है … लेकिन इन सब पर भारी रहे पोलटिकल कॉम्बो … दिनेश सिंह ने अमर पासवान के यहाँ सिरकत किया तो बेबी कुमारी के यहाँ दिनेश सिंह की पत्नी ने … विधायक की दावेदारी तो दूर हो गया .. इस मौके पर दोनों जगहों पर इन दोनों संभावित उम्मीदवारों के समर्थक मुखिया जी सहित अन्य एमएलसी वोटर को लुभाने के दांव में कामयाब रहे पॉलिटिकल कॉम्बो ..

रविवार को पूर्व निर्दलीय विधायक बेबी कुमारी ने मिठनपुरा स्थित अपने आवास पर होली मिलन समारोह के बहाने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया …. इनके यहाँ एक बाहुबली विधायक भी नजर आए … दूसरी तरफ दिवंगत विधायक मुसाफिर पासवान के शेखपुर स्थित आवास पर उनके पुत्र अमर पासवान ने होली मिलन समारोह आयोजित कर क्षेत्र की जनता पर अपनी पकड़ और दमखम दिखाया …. दोनों हो जगहों पर बड़ी संख्या में आमजन और कार्यकर्ताओं के साथ संबंधित पार्टी के नेता उपस्थित हुए .

दिवंगत विधायक मुसाफिर पासवान के पुत्र अमर पासवान के नाजीरपुर स्थित आवास पर आयोजित समारोह में वीआईपी सुप्रीमो सह राज्य सरकार के पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री मुकेश सहनी, एमएलसी उम्मीदवार शामिल थे। बोचहां से टिकट की दावेदारी पर वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने कहा कि बोचहां सीट वीआईपी कोटे की है और दिवंगत मुसाफिर पासवान यहाँ से विधायक रहे हैं। उन्ही के परिवार से किसको उम्मीदवार बनाया जाएगा … उम्मीदवारी की घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे
होली के रंग में नेता जी का लेखा जोखा सामने आया … ऐसे में इस दृश्य को देखने के बाद एक जुमला याद आता है “वरो के भाई कनियाँ के भी भाई” एक ही परिवार के तीन सदस्य तीन पार्टी में जिसका फायदा हर जगह उठाने में कामयाब होते है पोलटिकल कॉम्बो …