मुजफ्फरपुर नगर निगम मेयर चुनाव में दिलचस्प वोटिंग के बीच राकेश कुमार पिंटू की जीत हो गयी … जिस जीत में मुख्य भूमिका उप महापौर की रही तो परदे के पीछे से हमेशा की तरह नगर निगम में दिलचस्पी रखने वाले अपने करीब के 14 पार्षदों के समर्थन के साथ नगर विधायक विजेंद्र चौधरी की भूमिका रही … महापौर चुनाव से पूर्व ही ये अटकलें लगाई जा रही थी की पिंटू की जीत सुनिश्चित है …. महापौर के लिए जो खेल चलता है उस खेला को जनता बखूबी जानती है … इस चुनाव में उस खेल से अलग एक बड़ा फंडा ये काम आया वह है नगर निगम में खजाना भड़ा है … महापौर और उपमहापौर एक रहेंगे तो शहर का विकास होगा … उस फंड से विकास होगा … फंड में पार्षदों को भी रही है दिलचस्पी …
विकास के मुद्दे पर पर भले ही पार्षद दो खेमा में बटे लेकिन इसका खामियाजा 2022 के नगर निगम चुनाव में सामने आ सकता है … कई ऐसे पार्षद हैं जो विकास नहीं सिर्फ इस तरह के अविश्वास प्रस्ताव के इंतजार में रहते हैं … चुनाव में कई पार्षद को धनबल के बावजूद जनता नकार सकती है …. नंदू बाबू खेमा चार वर्ष पूर्व जैसे छल का शिकार हुआ एक बार फिर शिकारी किंगमेकर्स ने नंदू बाबू को हार के लिए मजबूर कर दिया …