‘अनसुनी कहानी’ के “पिटारा” से ले कर आए हैं एक दशक पूर्व की कहानी …
आप जान कर हैरान हो जाएंगे की जिस निगरानी विभाग के कार्रवाई से बिहार के सरकारी कर्मी कांपते हैं उसी निगरानी विभाग के डीएसपी हो गए थे मुजफ्फरपुर में गिरफ्तार … गिरफ़्तारी भी ऐसी की जाना हुआ था जेल … वह भी तत्कालीन निगरानी एसपी के निर्देश पर
घटना एक दशक पूर्व जून 2012 की है, … मुजफ्फरपुर जिला में नक्सल प्रभावित क्षेत्र मीनापुर थाना इस क्षेत्र में एक जमीन की पंचायत चल रही थी … इसी बीच एक शख्स खुद को निगरानी विभाग के डीएसपी बता जबरन एक पक्ष के पक्ष में फैसला करने का दबाव बनाने लगा … फैसला नहीं करने पर थानेदार सहित सभी पर कार्रवाई का धमकी देने लगा … इसी बीच एक शख्स ने तत्कालीन निगरानी एसपी उपेंद्र प्रसाद को मोबाइल पर कॉल लगा दिया … निगरानी एसपी ने जब उस डीएसपी से बात करवाने को कहा तो वह डीएसपी के हाथ पैर फूलने लगे …
निगरानी एसपी उपेंद्र प्रसाद ने तत्कालीन कोतवाल मीनापुर जीतेन्द्र कुमार को निर्देश दिया की तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजने की प्रक्रिया करें … तत्कालीन कोतवाल ने फर्जी डीएसपी जय प्रकाश राय को पंचायत के बीच से गिरफ्तार कर थाना ले आए … थाना पर मीडिया कर्मी जब फर्जी डीएसपी निगरानी जय प्रकाश राय की तस्वीर लेने लगे तो पत्रकारों को भी आई जी, डीआईजी तक की धमकी देने लगा … अहियापुर थाना क्षेत्र का रहने वाला फर्जी निगरानी डीएसपी जय प्रकाश राय को भेज दिया गया जेल …