“बोली की गोली” में आज ज्वलंत मुद्दा ले कर आए है … विपक्ष आखिर कमजोड़ क्यों ? …. क्यों मौत का इंतजार उपस्थिति दर्ज कराने के लिए ….
मुजफ्फरपुर में जन समस्या पर तमाम विपक्ष गाहे बगाहे दीखता है ख़बरों के तस्वीरों में … वहीं जब कोई आम व्यक्ति की हत्या होती है तो भी कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दिखती … क्या विपक्ष को सिर्फ कारोबारी व्यवसायी की हत्या के बाद मुद्दा नजर आता है ये गंभीर सवाल है …. कारोबारी की हत्या पर जगे विपक्ष, अच्छी बात है सरकार से मांग और धरना प्रदर्शन भी सही है … लोकतंत्र में स्वतंत्र है विपक्ष अपनी मांग रखने के लिए … विपक्ष हर मुद्दे को उठा कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दे तो जनता के बीच एक भरोसा तो बनेगा ही …. कोई तो है जो दबे कुचलों के साथ पीड़ित का आवाज बन रहा है …. लेकिन ऐसा नहीं दिखता ….
वजह क्या है ये तो विपक्ष के भूमिका में वर्तमान में जो पार्टी है उनके नेता ही जाने … लेकिन ये तो तय है मुजफ्फरपुर में MLC चुनाव और MP चुनाव के लिए विपक्ष के किसी पार्टी को कैंडिडेट नहीं मिलता उस तर्ज पर वह दिन भी दूर नहीं है जब विपक्ष यूँ ही कमजोड़ पर जाएगा ….. हालांकि हाल के दिनों में MLC चुनाव में विपक्ष को एक मजबूत उम्मीदवार मिला जिनका सफर लालगंज से शुरू हुआ और धनबाद के बाद वापस नहीं हुआ जिस मामले में वह चर्चित रहे … अब एक बड़ा मोर्चा सम्हाल लिए हैं …. मुद्दे बहुत हैं जलजमाव से ले कर स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था सभी पर जनता की आवाज बन सकता है विपक्ष … हत्या पर ही सिर्फ क्यों हर मुद्दे पर आगे आए विपक्ष जिससे राजनीति भूमि पर उपस्थिति के साथ एक भरोसा बने ….