मुजफ्फरपुर में एक अजीब घटना की शिकायत थाना तक पहुंचा .. कहते हैं इस जिला में कानून से खेलने वाले की कमी नहीं है .. जी हाँ कुछ ऐसा ही हुआ है जब धाराओं को मजबूत करने के लिए कानून का मजाक बनाया गया … पिस्टल से गोली चलने का आरोप है तथाकथित पीड़ित के द्वारा … गोली पिस्टल से चली लेकिन पिस्टल से फायर होने के बाद पीतल का पिलेट बन गया रोड़ा … गोली के जख्म के जगह रोड़ा का जख्म हुआ जिससे कान के बगल में छोटा सा जख्म हुआ जो किसी कंकर से या कोई नोकीले सामान से कट जाता है ठीक वैसा ही …
थाना को सूचना दिया गया गोली चली .. बच्चे पर गोली चली … बच्चे की जगह पिता को लगी गोली … गोली ऐसी चली जिसका आवाज तथाकथित घटना स्थल पर किसी ने नहीं सुना … हद तो ये है पिस्टल भी ऐसा जिसकी गोली तो फायर हुई लेकिन उसका पिलेट या खोखा कहीं नहीं दिखा …… ऐसे में अब रिसर्च का विषय है की कैसा पिस्टल है जिससे फायरिंग के बाद खोखा अंदर ही रह गया और पिलेट की जगह कंकर रोड़ा बाहर आया …. किसी भी छोटे घटना को बड़े वारदात के साथ बड़ी घटना का रूप देने के लिए कुछ लोग विराजमान है हर वक़्त नाटक में … ऐसे में जिला के कुछ ऐसे लोग चाहें तो मुजफ्फरपुर की भूमि पर एक नहीं दर्जनों भी नहीं हजारों फिल्म का स्क्रिप्ट तैयार किया जा सकता है …. माया नगरी मुंबई भी फेल है मुजफ्फरपुर के सामने