मुजफ्फरपुर में अंतर्राज्यीय स्वर्ण आभूषण चोर गिरोह का सिंडिकेट – कुख्यात चोर सुरेंद्र सहित तीन गिरफ्तार

pmbnewsweb
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मुजफ्फरपुर के बोचहां और पियर इलाके में स्वर्ण आभूषण चोरी का एक बड़ा रैकेट तैयार हो गया था  … ये अपराधी गिरोह ऐसा है जो लूट डकैती ऐसे वारदात को अंजाम नहीं देता  .. इस गिरोह के सदस्य अपने आका के साथ सिर्फ चोरी की घटना को अंजाम देते आ रहे हैं  .. इस गिरोह के आका सुरेंद्र ठाकुर आईपीसी की धाराओं के तहत चोरी की घटना को अंजाम देता आ रहा जिससे कभी वृहत सजा मुक़्क़र्र उसके खिलाफ न हो   … गिरोह शातिर इतना है कि इसे पूरी जानकारी होती है टारगेट के बारे में किस घर में कितना सोना और चांदी का जेवरात है  .. उसी घर को ये गिरोह टारगेट करता है और बड़े आराम से चोरी की घटना को अंजाम दे कर निकल जाता है  … सुरेंद्र ठाकुर आईपीसी के धारा से खुद को बचाने के लिए 457/380 धारा वाला अपराध करता आ रहा है  … इस गिरोह के आका की सोच है अगर 395 ऐसे घटना को अंजाम देते हैं और कल हो कर 412 में जुट जाता है या फिर 395 के नियत से जाने पर वारदात के दौरान कहीं 396 हो  जाता है तो फांसी तक की सजा हो सकती है  … धाराओं की जानकारी और अपने क्षेत्र में सुरक्षित रहने की वजह ये माना जा रहा है अपने क्षेत्र में गहरी पैठ बना रखा था गिरोह
सुरेंद्र ठाकुर की गिरफ़्तारी के साथ मुज़फ्फपुर का ये गिरोह जो बेताज बादशाह बना था अब जेल के सलाखों के पीछे पहुँच चूका है  …. समस्तीपुर के पुलिस सूत्रों की मानें तो सुरेंद्र के निशानदेही पर मुजफ्फरपुर के रुदहा गांव में छापेमारी किया गया जहां से स्वर्णाभूषण के कैश बरामद हुआ है  …. वहीं अजय नामक एक स्वर्ण आभूषण कारोबारी को भी हिरासत में ले कर समस्तीपुर पुलिस गयी है  .. छापेमारी के दौरान आटा के अंदर से स्वर्णाभूषण की बरामदगी की बात सामने आयी है  … समस्तीपुर के सूत्रों की माने तो मुजफ्फरपुर एसएसपी जयंत कांत के निर्देश पर जिला से विशेष पुलिस टीम के सदस्य सहयोग में छापेमारी में शामिल रहे  … मुजफ्फरपुर एसएसपी के सक्रियता से अपराधी पकड़ में आए  … इन अपराधियों द्वारा  समस्तीपुर में एक घर में बड़े चोरी के घटना को अंजाम दिया गया था  … जिस घर में चोरी हुई उस घर में एक और मातम का दर्द गृह स्वामी के सामने आया  .. गिरफ्तारी के बाद बड़ा खुलासा ये भी सामने आया है कि गिरोह का संचालक का कई स्वर्ण आभूषण कारोबारी से बेहतर रिश्ते थे  … दूसरी तरफ बड़ा सवाल ये है जिला के जिस जिस थाना क्षेत्र में ये गिरोह के सदस्य रहते थे उससे स्थानीय थाना क्यों अनभिज्ञ रही  … आज के समय में करोड़ो की सम्पत्ति बना चूका है गिरोह का आका
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