मुजफ्फरपुर में एसएसपी जयंत कांत ने 31 अगस्त को जिलादेश निकाला … इस जिलादेश में बिहार पुलिस मुख्यालय बिहार पटना का आदेश संख्या 470/20 अगस्त 20 का जिक्र करते हुए अहियापुर में थानेदारी कर रहे इंस्पेक्टर सुनील कुमार रजक को मधनिषेध पटना के लिए विरमित किया गया …. थानेदारी फोबिया से एक हुए वंचित सुनील …. सुनील रजक पर बड़ा आरोप सदर थाना में रहते लगा था …. जब एक ऑडियो वायरल हुआ था … उसके बाद सदर थाना से हटने के बाद अहियापुर थाना में थानेदारी की कुर्सी पर विराजमान हुए …. अहियापुर इलाके में रहते बैंक लूट और कई बड़े अपराध की घटना घटी … इस दौरान कई मामलों में चर्चा में रहे … ख़ास कर जमीन कारोबार और स्मैक, शराब कारोबार बड़े पैमाने पर इलाके में चलता रहा …… राहत की बात ये रही सुनील रजक के लिए ….. बेदाग़ जिला से ट्रांसफर हो गया … हालांकि पटना के आदेश के बावजूद जिला में थानेदारी …. वह भी जिला के बड़े थाना में करते रहे ..
मुजफ्फरपुर अपराध नियंत्रण में अहम भूमिका निभाने वाले एक कर्मठ इंस्पेक्टर सोना प्रसाद सिंह को भी विरमित किया गया है .. विशेष शाखा पटना में देंगे नए स्थानांतरित विभाग में योगदान … बेशक सोना प्रसाद सिंह का कार्यकाल बहुत ही बढ़िया रहा … किन्हीं कारणों से किसी थाना में ज्यादा दिन नहीं रह सके लेकिन न सिर्फ जिस थाना में रहे उस क्षेत्र में पुरे जिला के अपराध नियंत्रण में अच्छी भूमिका रही …
सोना प्रसाद सिंह थानेदार जब नहीं थे तब की रोचक अनसुनी कहानी का जिक्र बनता है … आप भी जाने वह रोचक और फेयर डिटेक्शन की कहानी क्या थी ? …… अहियापुर थाना में एक युवक की हत्या होती है … हत्या के बाद जबरदस्त आक्रोश … इस आक्रोश के बीच पुलिस पर उठते सवालों के साथ जनता सड़क पर थी .. कैंडल मार्च और अन्य विरोध जारी था …… चारो तरफ पुलिस मुर्दाबाद के नारे लग रहे थे …… इसी बीच सोना प्रसाद सिंह इस अनुसंधान में आते हैं … इंस्पेक्टर सोना सिंह ने एक बार जोड़ से हल्ला किया “अरे अरे कर दिया हत्या … वही किया हत्या” जिस कार्यालय में सोना प्रसाद सिंह चिल्लाए … सभी अन्य कर्मी भौचक रह गए ..
दरअसल इंस्पेक्टर सोना प्रसाद सिंह ने मुख्य शूटर का कुंडली खोज निकाला था … जिस युवक की हत्या हुई थी … उसकी हत्या से पूर्व हत्यारा दिल्ली गया वहां रहने लगा और फिर मुजफ्फरपुर के अन्य साथियों के साथ प्लानिंग किया .. प्लानिंग के बाद शूटर अपने शातिराने अंदाज पर अपना मोबाइल दिल्ली में छोड़ दिया … दिल्ली में मोबाइल चालू रहा शूटर के दोस्त के पास … मुजफ्फरपुर आया … यहाँ देर शाम अँधेरे में चलती बाइक पर हत्या किया और फिर पटना वहां से दिल्ली फ्लाइट से उड़ गया …. घटना के बाद यह डिटेक्शन का मुख्य योगदान सोना प्रसाद सिंह को गया ….
इंस्पेक्टर सोना सिंह के कई डिटेक्शन है जिसकी लिस्ट लम्बी है ….. लेकिन एक खास बात ये थी … सोना सिंह जिस अपराधी को एक बार देख लिए तो वह उनके दिमाग और आँखों में स्कैन हो गया …. वह अपराधी मास्क या हेलमेट पहन ले उसकी आँख और कान से वह पहचान लेते थे CCTV देख कर … जब वह अपराधी पुलिस द्वारा उठाया जाता था तो निश्चित ही वहीं निकलता था जो स्कैनर में कैद था …. एक चर्चित सुनील जिला से हटे उससे कोई फर्क नहीं ….वहीं मुजफ्फरपुर पुलिस को एक बेहतर इंस्पेक्टर सोना प्रसाद की कमी तो खलेगी …….
इसी ट्रांसफर में इंस्पेक्टर अभिनन्दन मंडल का विशेष शाखा पटना …. सब इंस्पेक्टर शिव प्रसन्न सिंह का जो रिटायर के करीब है रोहतास ….. वहीँ रामचंद्र राउत का बेतिया तो प्रेम कुमार सिंह का भोजपुर ट्रांसफर हुआ ….