मुजफ्फरपुर उत्तर बिहार की आर्थिक राजधानी मानी जाती है … इस जिला में स्वर्ण आभूषण और कपड़ा का विशाल मंडी है .. साथ ही कई बड़े कारोबार के लिए जिला देश में जाना जाता है लेकिन इन दिनों जुआरियों के निशाने पर हैं … हद तो ये है छोटे मिया तो छोटे मिया बड़े मिया भी खुद जुआ के दलदल में फंसते जा रहे हैं …. मुजफ्फरपुर में कई बड़े सिंडिकेट बन गए हैं जो खेलवाते हैं जुआ … भले ही शहर का विकास जापान के तर्ज पर नहीं है लेकिन ये जुआरी सिंडिकेट के माफिया ने जुआ के मामले में जापान बना दिया है …

जुआ का अड्ड़ा जानें
मुज़फ्फरपुर में खबरों के तफ्तीश के बीच एक नहीं, दो नहीं, तीन नहीं करीब एक दर्जन बड़े जुआ का अड्डा की जानकारी सामने आयी है सूत्रों के हवाले से …. एक बंद परे सिनेमा हॉल के अंदर जुआ का अड्डा बना हुआ है जहां 50 लाख से ऊपर तक का बोली लगती है … वहीं बंद मल्टी सिनेमा हॉल के इर्द गिर्द भी करोड़ से ऊपर का जुआ खेला और खेलाया जाता है … एक पूल के बगल वाले सड़क पर भी बड़े पैमाने पर जुआ का खेल चलता है लेकिन इस अड्डे पर नजर नहीं है … बताया जाता है कि यहाँ हत्या ऐसे वारदात भी हो गए लेकिन जुआ की चर्चा सरकारी कागज में दर्ज नहीं किया गया ….

अड्डा की कड़ी में और भी जगह हैं
वही शहर का चर्चित चौराहा … जिस चौराहे की चर्चा दशकों पूर्व हेमा मालिनी अभिनेत्री ने किया था उसके पास तो जुआ के साथ हवाला का बड़ा कारोबार होता है … शहर का सबसे चर्चित इलाका है लेकिन इस इलाके में भी किसी की नजर नहीं है …. सब्जी मंडी के करीब हो रहे जुए के अड्डे पर विशेष चौकसी रहती है … जिस दौरान जुआ चलता है उस दौरान कुछ लोग चौराहे से गेट तक रहते हैं … एक डॉक्टर साहब के करीब लकड़ी के दरवाजे के अंदर जुए के अड्डे है जहाँ पुलिस अगर पहुँचती भी है तो पुलिस के पहुँचने से पूर्व सूचना आ जाती है … सिनेमा हॉल और पम्प के कॉमबो रोड में हालात ये रहा एक कारोबारी इतना जुआ में हार गए कि अंत में बीमारी से मौत हो गयी … बताया जाता है एक कारोबारी ऐसे थे जिनका कारोबार बिक गया जुए में … अब खुद खेलवाने लगे जुआ …एक सरकारी विद्यालय कैम्पस में शाम से रात तक चलता है जुआ ..

कैसे फंसाते हैं जाल में कैसे होता है जुआ
आम तौर पर फ्लश का जुआ चलता है … नो लिमिट के साथ बड़े बड़े कारोबारी बोली लगाते हैं … इस देसी कैसीनो में फायनेंसर भी रहते हैं मौजूद … एक हाथ हार भी गए तो दूसरे हाथ में उनकी जीत और फिर अगली बोली में हार गया सब पूंजी और सूद का रकम सर पर … शहर के कुछ घरों में भी सूचना है रविवार को ऊपर वाले तल्ले पर जुआ का बड़ा खेल होता है … इसमें रकम 30 से 50 लाख तक की होती है … सूचना ये भी है जुआ के चक्कर में कई लोगों ने आत्महत्या कर लिया तो कई शहर छोड़ पलायन कर गए … हद तो ये है कई परिवार आज सूद के रुपया के बोझ से दबा हुआ है …
नो लिमिट ब्लाइंड खेल का निराले अंदाज में मुजफ्फरपुर बना हुआ है जापान … लेकिन ख़ुफ़िया विभाग और अन्य सुरक्षा एजेंसी को इसकी भनक भी नहीं …