मुजफ्फरपुर में महापौर और उपमहापौर के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव के बाद तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए उपमहापौर खेमा ने बाजी मार लिया … उसके बाद आया महापौर का अविश्वास से पूर्व हीं ये साफ़ हो गया था की कुर्सी जानी तय है और वह अविश्वास प्रस्ताव के साथ दिखा और फिर शुरू हुआ नए महापौर के लिए खींचातानी …. इस खेल में क्या कुछ अंदर खाने होता है सभी जानते हैं … फिर इस खेल का पीच तैयार हुआ और राकेश कुमार पिंटू एक खेमा के कप्तान बने तो दूसरे टीम के कप्तान बने नंदू बाबू ….
मुजफ्फरपुर नगर निगम में किंग मेकर की भूमिका रखने वाले नेता जी पहली बार जब समीर कुमार मेयर बने उस समय भी जनता के बीच ये साफ़ हो गया था कि दिलचस्पी नगर निगम पर ज्यादा रखा जाता है … समीर कुमार विकास के मुद्दे पर दखलअंदाजी पसंद नहीं किए तो फिर दोनों आमने – सामने हुए …. वक़्त बदला दूसरे चुनाव में और तीसरे चुनाव में किंग मेकर फिर भी नगर निगम से बाहर नहीं निकल सके और अपने अंदर कब्ज़ा बनाए रखे नगर निगम को …. लेकिन फिर एक वक़्त ऐसा भी आया जब जदयू के वृद्ध नेता और एक जदयू के पूर्व विधायक सहित भाजपा के एक बड़े चेहरे ने किंग मेकर को बहुत हद तक परास्त किया … हालांकि मेयर और उप मेयर के चुनाव में कुछ हद तक फिर अपनी भूमिका में सामने आए थे किंग मेकर …..
किंग मेकर नेता जी वर्तमान नगर विधायक विजेंद्र चौधरी को लोग देखते आ रहे है …. विजेंद्र चौधरी ने वर्तमान विधान सभा का नामांकन किए तो दावे थे शहर को जल मुक्त और स्वच्छ बनाएँगे ….. ये वादा चुनाव परिणाम पर बड़ा असर तब किया जब खुद विधायक उम्मीदवार कोवीड पीड़ित हो कर अस्पताल में भर्ती हुए तो उनकी पुत्री ने अपने पिता के जित के लिए वही वादों को दोहराया …. ये बड़ा मुद्दा मुजफ्फरपुर शहर का था जल जमाव …. जनता इस बात में दम ये पाया नगर निगम के द्वारा हुए विकास मामले में कोई ख़ास नतीजा सामने नहीं आया जब नगर विकास मंत्री ही नगर विधायक सुरेश शर्मा थे … एक मंत्री के पद पर रहते योजना बहुत आया लेकिन वह योजना जनता के बीच नहीं पहुंची जिसका मुख्य वजह लोग वर्तमान नगर विधायक सुरेश शर्मा मंत्री को माने और फिर जनता ने उन्हें नकार दिया और विजेंद्र चौधरी को दूसरी पाली में फिर से विधायक चुना ..
जिन मुद्दों के साथ विजेंद्र चौधरी ने चुनाव में बाजी मारा उसी मुद्दे पर पूरी तरह फेल साबित हो गए … फिर विजेंद्र ने मीडिया के सामने तर्क दिया नगर निगम में उनकी कोई नहीं सुनता … इसके बाद विजेंद्र चौधरी ने कहा नगर निगम के राजनीतिक से मेरा कोई वास्ता नहीं है … फिर तर्क दिए कोरोना काल और समय कम मिला जिस वजह से जल जमाव से मुक्ति नहीं दिला सके … वादों और तर्क में विजेंद्र खुद उलझते चले गए … इसी बीच दूसरे खेमा की माने तो विजेंद्र चौधरी नगर निगम के पॉलिटिक्स में फिर हावी होना चाहे … नगर निगम द्वारा मार्केट खाली का एक फरमान निकला जिसके लिए तिलक मैदान रोड में धरना दिया गया … इस मामले में नगर थाना में एफआईआर दर्ज हुआ लेकिन उस धरने पर नगर विधायक भी बैठे थे .. उनका नाम नहीं आया … विजेंद्र चौधरी के बारे में बताया जाता है की उपमहापौर चूँकि विकास के मुद्दे पर अकसर लगे हुए थे इस लिए अपनी राजनीति के कारण उपमहापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया … जनता ये जान रही है दोनों अविश्वास प्रस्ताव के पीछे नगर विधायक का दिलचस्पी है … हाला कि विजेंद्र चौधरी इससे इंकार किए हुए हैं … वहीँ ये भी जानकारी आ रही है की विधायक विजेंद्र के पास 14 पार्षद ऐसे हैं जिनको वह जिधर बोलेंगे उधर उनका मत जाएगा ….
फिलहाल नगर निगम के पीच पर दोनों टीम का बल्लेबाजी जारी है … दावा है …. एक टीम में एक तरफ जदयू के वृद्ध नेता, कुछ चर्चित वार्ड पार्षद, दिलचस्प पहलू ये है की दूसरे खेमा में कॉम्बो पार्टी का समर्थन है … जिसमे राजद के कई नेता तो पूर्व मंत्री भाजपा और जदयू के नेता …. लेकिन संख्या गणित में ग्राउंड पर उतरने के लिए चौका चल रहा है छक्के तक मारे गए लेकिन संख्या गणित के सेंचुरी में टीम पहुंचेगी या नहीं वह तो मेयर चुनाव परिणाम आने के बाद सामने आएगा ….
वहीँ दावा है दूसरी टीम में खिलाड़ियों की संख्या अच्छी दिख रहे है … इस टीम ने दो रन से चौका तक लगा लेकिन बड़ी बात ये है इस टीम के खिलाड़ियों में एक विनर कैप की उम्मीद हर खिलाडियों में है … हर वार्ड में विकास के लिए नगर निगम द्वारा बड़ी योजनाओं का उम्मीद है …इस टीम में युवा मेयर उम्मीदवार के साथ उप मेयर दोनों युवा होंगे तो विकास होगा ऐसे उम्मीद के साथ खिलाड़ियों में पिच पर जाने से पूर्व संख्या बल की सेंचुरी मान रहे है …. उप महापौर और संख्या के अनुरूप पार्षदों की संख्या के साथ जदयू के पूर्व विधायक और वर्तमान कांग्रेस विधायक हैं … तो घोषणा के बाद चुनाव और फिर नतीजा का करें इन्तजार
भले हीं नगर निगम मेयर में कोई किंग मेकर बने लेकिन नगर निगम क्षेत्र की जतना जब सत्ता में रहे विधायक से नाराज हो सकती है … तो फिर इस बार नगर निगम में चल रहे खेल की हर जानकारी जनता तक पहुँच रही है … ऐसे में अगला सीट उनके लिए भी काँटों भरा होगा जो खुद को किंगमेकर बन रहे हैं … ऐसे में किंगमेकर के चक्कर में अगले दूसरे चुनाव में उनके लिए बड़ी चुनौती आ सकती है …
क्रमशः