मुजफ्फरपुर जिला में अपराध नियंत्रण “और जनवरी खास” अपराधियों के बीच खौफ हटा ‘लूट, छिनतई पर लगाम पुलिस की होगी चुनौती

pmbnewsweb
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मुजफ्फरपुर में नए एसएसपी राकेश कुमार के लिए लूट, छिनतई पर लगाम होगी बड़ी चुनौती। वहीं जिला में छोटे – छोटे दर्जनों गिरोह जो सड़क लूट करते हैं, उनपर लगाम के लिए पूर्व से जिला में चल रही कार्रवाई को जारी रखने के लिए करना होगा कसरत। हालांकि राकेश कुमार थाना स्तर पर केश डिस्पोजल पर विशेष नजर रखते हैं. वहीं थाना के द्वारा अपराधियों पर विशेष नजर रखने के लिए थानों के थानाध्यक्षों में ऊर्जा लाने होंगे, पूर्व के कार्यकाल में अधिकांश थाना में अपराध नियंत्रण के लिए पहल कम दिखी है, और सिर्फ शराब मामले में प्रति दिन कार्रवाई दिखी। शराब मामले में भी बड़ी गिरफ़्तारी की बात करें या बड़े अपराधियों की गिरफ़्तारी भी तत्कालीन एसएसपी जयंत कांत के नेतृत्व में डीआईयू और एसआईटी द्वारा ही की जाती रही, ऐसे में लुंजपुंज थाना में ऊर्जा देनी होगी, कई थाना जो इंस्पेक्टर पोस्ट का थाना है वहां ऊँची पहुँच के वजह से दरोगा के हवाले है. उन थाना पर नए एसएसपी कुछ नयी पोस्टिंग करते हैं या फिर दरोगा के भरोसे हीं छोड़ देते हैं ये भी देखना दिलचस्प होगा
मुजफ्फरपुर जिला में नगर डीएसपी राघव दयाल कुछ माह पूर्व आए हैं जिला में और कुछ समय में ही शहरी क्षेत्र में एक बेहतर पैठ बना चुके हैं पुलिसिंग में ऐसे में नए एसएसपी को उनके साथ कॉर्डिनेशन में बेहतर पुलिसिंग का मौका मिलेगा, पूर्वी, पश्चिमी के साथ सरैया एसडीपीओ भी पूर्व से जिला में है जिसमे पश्चिमी डीएसपी और सरैया एसडीपीओ के युवा ऊर्जा का साथ एसएसपी को मिलेगा, राकेश कुमार खुद जिला को पूर्व से पहचानते हैं, पूर्वी डीएसपी के कार्यकाल करीब 8 वर्ष पूर्व निभा चुके हैं,
शहरी क्षेत्र में हाल के दिनों में  कुछ व्यवसायिक स्थल अपराधियों के निशाने पर था, उस घटना को रोकने में तत्कालीन एसएसपी जयंत कांत, नगर डीएसपी राघवदयाल के साथ दोनों थाना क्षेत्र के कोतवालों के सक्रियता से अपराध रोकने में कामयाबी मिली गयी थी. ऐसे में अपराधियों के टारगेट से पूर्व पुलिस का शिकंजा कायम रहे ये बड़ी चुनौती नए एसएसपी के लिए रहेगी
आईपीएस राकेश कुमार जहाँ से मुजफ्फरपुर आ रहे हैं और पूर्व की बात करें तो वैशाली का कार्यकाल काफी सराहनीय रहा है, वैशाली से विदाई जब हुई थी तब जो पब्लिक और पुलिस कर्मियों के द्वारा जो विदाई दी गयी थी वह बिहार के इतिहास में अंकित हो गया है, अब देखना दिलचस्प होगा कि मुजफ्फरपुर ऐसे जिला में अपराध पर लगाम, अपराध से पूर्व अपराध को रोकने में कितने कामयाब होते हैं, जिला में इतिहास रहा है जब जब फेयर डिटेक्शन और सही गिरफ्तारी हुई है तब तब अपराध पर लगाम लगा है, फेयर डिटेक्शन के लिए टीम वर्क की जरूरत रही है जो एसएसपी जयंत कांत के कार्यकाल में देखा गया है
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