बिहार में विस्फोट मामले में नुक़्ता ही नहीं, पुरे शब्द बदल गए … विस्फोट भागलपुर में हुआ और बम विस्फोट की चर्चाएं होने लगी … घटना के अंदर तफ्तीश में जाएंगे तो इसे बम का विस्फोट नहीं कहेंगे … बम तो बना हीं नहीं … घटना स्थल पर लोकल पुलिस के मिलीभगत से पटाखा का निर्माण होता रहा है … ये पहली घटना नहीं है … 2002 में भी विस्फोट में कई जान चली गयी थी .. बावजूद इसके कारोबार नहीं रुका कारोबार बदस्तूर जारी रहा और लोकल पुलिस के संरक्षण में मौत का सामान निर्माण होता रहा … पटाखा निर्माण के लिए NH4 NO3 S अमोनियम नाइट्रेट और सल्फर को मिश्रित कर अन्य सामान के साथ स्टॉक किया गया था … इस दौरान पटाखा निर्माण में हुए लापरवाही से विस्फोट हुआ और घटना सामने है
ये विस्फोट सिर्फ भागलपुर में ही नहीं बिहार के और जिलों में भी होता रहा है एक वर्ष में आधा दर्जन के करीब विस्फोट .. वर्षों पूर्व मुजफ्फरपुर के नगर थाना क्षेत्र के एक भवन में पटाखा स्टॉक में विस्फोट … विस्फोट के बाद बिहार पुलिस मुख्यालय सक्रिय होता है और फिर घटना के कुछ दिन बाद सब मामला दबता है … डीजीपी कहते हैं लोकल पुलिस की जवाबदेही है देखना … अंदर कहने जाएंगे तो पटाखा निर्माण हो या फिर स्टॉक करने का कोराबार इलाके के थानों में तय राशि का सेटिंग होता है …

भागलपुर के घटना के बाद फिर पुलिस मुख्यालय सक्रिय हुआ …. डीजीपी ने बताया कि पटना से ATS की टीम भागलपुर जाएगी और बिहार पुलिस से रिलेटेड जितनी एजेंसी है सभी अपना अपना कार्य करेगी …भागलपुर की घटना का इनपुट पुलिस मुख्यालय या जिला पुलिस के पास नहीं था …. डीजीपी ने कहा ये लोकल पुलिस का कार्य था … इनपुट के लिए इंटेलिजेंस एजेंसी कार्य करती है … इनपुट हो या न हो लोकल थाना को लगातार कार्रवाई का प्रावधान है … उसमे जांच कर कार्रवाई करना थाना का दायित्व है … लीलावती देवी के घर में विस्फोट हुआ … उनके परिवार और कार्य करता है .. महेंद्र मंडल भी पटाखा का कारोबार करता है .. महेंद्र के भाई सुरेश मंडल की मौत 24 अक्टूबर 2002 में हुआ था … दीपावली के पूर्व हुई थी घटना … जिसमे स्थानीय थाना में एफआईआर दर्ज हुआ था …सुभाष मंडल की पत्नी का मौत हुआ था और साथ में दो अन्य की मौत हुई थी … सुबह में एक टीम गयी थी जांच के लिए उसमे पटाखा पैकिंग में यूज होने रैपर और अन्य पैकिंग के सामान बरामद हुआ … साथ ही अमोनियम नाइट्रेट और सल्फर लूज बरामद …
बिहार में कहाँ से बड़े मात्रा में बारूद आ रहा है इस सवाल पर डीजीपी ने कहा आगे इसकी जानकारी देंगे .. इस विस्फोट का पैटर्न क्या है उसकी जांच की जा रही है ….
दो परिवार है जो पटाखा बनाने में कई वर्षो से लिप्त हैं .. ऐसे में बड़ा सवाल ये है डीजीपी जब बता रहे हैं इस कारोबार में पहले से है तो फिर उनकी पुलिस क्या कर रही थी … क्या विस्फोट की त्रासदी का इंतजार किया जा रहा था …
डीजीपी ने कहा इस मामले में एक बार फिर पुलिस मैनुअल की जानकारी थानों को दी जाएगी विस्फोटक मामले का . …. डीजीपी ने कहा समय समय पर पुलिस ने कार्रवाई किया है .. लोग जेल भी भेजे गए हैं …
मलवे में दबे अन्य लोगों का भी शव बरामद कर लिया गया है … और कई लोग जख्मी है …